प्रयागराज में विजयदशमी पर अखाड़ा महानिर्वाणी में शस्त्र पूजन:शस्त्र पूजन और धर्म ध्वजा बदलाव, विजयदशमी की विशेष परंपरा

प्रयागराज में गुरुवार को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी में विजयदशमी का पर्व पारंपरिक उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शस्त्र पूजन और धर्म ध्वजा बदलाव की विशेष परंपराओं का निर्वहन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में नागा सन्यासियों और संतों ने भाग लिया। देखिए तस्वीरें.. ​अखाड़े के मुख्यालय में सुबह से ही उत्सव का माहौल रहा। सबसे पहले अखाड़े के अध्यक्ष यमुनापुरी जी महाराज और साधु-संतों की उपस्थिति में पारंपरिक शस्त्र पूजन किया गया। वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच अखाड़े के ऐतिहासिक और प्राचीन शस्त्रों को शुद्ध कर उनकी पूजा-अर्चना की गई। पूजन में विशेष रूप से भालों को देवताओं के रूप में पूजा गया। जो अखाड़े की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा हैं। संतों ने इस दौरान धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने संकल्प को दोहराया।
​शस्त्र पूजन के बाद धर्म ध्वजा बदलाव का कार्यक्रम हुआ। पुरानी ध्वजा को सम्मानपूर्वक उतारने के बाद शुभ मुहूर्त में वैदिक रीति-रिवाजों से नई धर्म ध्वजा को स्थापित किया गया। ध्वजारोहण के दौरान संतों ने हर-हर महादेव का उद्घोष किया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। अखाड़े के संतों ने इस अवसर को सनातन धर्म की शक्ति और अखाड़ा परंपरा की निरंतरता का प्रतीक बताया।
अध्यक्ष यमुनापुरी जी महाराज ने बताया कि यह परंपरा आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित अखाड़ों के नियमों का पालन है और यह विजयदशमी पर्व पर शक्ति के आह्वान का प्रतीक है।

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