नवरात्रि के छठे दिन काली मंदिर में पूजन:लखनऊ के चौक स्थित बड़ी काली मंदिर में भक्तों के लिए कपाट खुले

लखनऊ के चौक स्थित मठ श्री बड़ी काली जी मंदिर में नवरात्रि के छठे दिन ब्रह्ममुहूर्त में विधि-विधान से पूजन किया गया। पूजन के बाद भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए। सुबह से ही माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। महंत स्वामी विवेकानंद गिरी ने बताया कि नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व है। उन्हें अमोघ फलदायिनी माना जाता है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए व्रज की गोपियों ने यमुना तट पर इनकी पूजा की थी। तस्वीरें देखिए… अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है। उनका वर्ण स्वर्ण के समान भास्वर बताया गया है। माता की आराधना से भक्तों को अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मीडिया प्रभारी अभय उपाध्याय ने जानकारी दी कि नवरात्र के पहले दिन से अब तक लाखों श्रद्धालु मंदिर पहुंच चुके हैं। मंदिर प्रांगण और बाहर की व्यवस्था मेला व्यवस्था समिति द्वारा संभाली जाती है। प्रतिदिन प्रातः मंगल आरती के बाद श्रृंगार-भोग, दोपहर में सायन और शाम को छप्पन भोग व महाआरती की जाती है। बोधगया मठ से आए संत-महात्माओं द्वारा महाआरती संपन्न कराई जाती है। ढोल-मंजीरे के साथ भजन-कीर्तन भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए चूड़ी, बिंदी, नेल पॉलिश, सिंदूर और नारियल चढ़ाते हैं। नवरात्र के दौरान श्रद्धालु ढोल-मंजीरे के साथ भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं।मंदिर व्यवस्था में देवराज सिंह, लक्ष्मी अग्रवाल, माला गुप्ता, आशा तिवारी, राजलक्ष्मी वर्मा, पंखुड़ी अग्रवाल, आचार्य शुभम पांडेय, मुकुंद, निखिल, तुषार, राहुल, विकास, धीरेंद्र अवस्थी धीरू, अभय, दीप प्रकाश सिंह, शिवा, वैभव, सर्वेश और अन्य सेवादार सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।

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