ध्वजारोहण समारोह में प्रयागराज महाकुंभ फार्मूला से भीड़ नियंत्रण:रामपथ के एक लेन को आरक्षित कर एक ओर से प्रवेश,दूसरे छोर से निकासी

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिरों के निर्माण पूरा होने के बाद अब रामजन्मभूमि परिसर में 23 से 25 नवंबर को ध्वजारोहण समारोह के आयोजन की तैयारियां तेज कर दी है। इसके लिए ट्रस्ट की ओर से गठित आयोजन समिति समारोह से जुड़ी समस्त तैयारियां कर रही है। समारोह में 10 हजार आमंत्रित अतिथियों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के भी आने का अनुमान है। प्रयागराज महाकुंभ के दाैरान रामलला के दर्शन के लिए राम मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए लागू भीड़ नियंत्रण का ‘फार्मूला’ सफल सिद्ध रहा है। अब इसी फार्मूले को 25 नवंबर को रामजन्मभूमि परिसर में आयोजित होने वाले ध्वजारोहण समारोह में भी लागू करने का विचार है। ध्वजारोहण समारोह में 10 हजार आमंत्रित अतिथियों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के भी आने का अनुमान है। भक्तों की संख्या अधिक होने पर रामपथ की एक लेन को आरक्षित कर एक ओर से प्रवेश दिया जाएगा तो उनको कुछ दूरी के अंतर पर दूसरे मार्ग से निकासी कराई जाएगी। इससे दर्शन के इच्छुक और लौटने वाले श्रद्धालु आपस में नहीं टकराएंगे। भीड़ प्रबंधन के लिए इसी तरह का प्रयोग मंदिर परिसर में भी किया जाएगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिरों के निर्माण की पूर्णता पर रामजन्मभूमि परिसर में 23 से 25 नवंबर को ध्वजारोहण समारोह के आयोजन की योजना बनाई है। इसके लिए ट्रस्ट की ओर से गठित आयोजन समिति समारोह से जुड़ी समस्त तैयारियां कर रही है। वहीं, सुरक्षा से जुड़े अधिकारी बड़ी संख्या में अतिथियों व श्रद्धालुओं की उपस्थिति के मध्य परिसर को सुरक्षित रखने और सुगम दर्शन से जुड़े उपायों पर विचार कर रहे हैं। इसके साथ ही रामजन्मभूमि परिसर में पूरक मंदिरों में भी दर्शन प्रारंभ होने को लेकर मंत्रणा की जा रही है। बताया जा रहा कि आयोजन के दिनों में यदि श्रद्धालुओं की संख्या आशातीत बढ़ी तो प्रयागराज महाकुंभ वाला फार्मूला लागू किया जाएगा। तत्समय प्रयागराज के साथ अयोध्या व काशी में भी बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे थे। रामनगरी में अधिकारियों ने ऐसा भीड़ प्रबंधन किया था, जिसकी चर्चा कई दिनों तक होती रही थी। यहां तक कि आला अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी प्रशंसा प्राप्त हुई थी। उन दिनों अयोध्याधाम में टेढ़ी बाजार चौराहे से नया घाट चौराहे तक चार पहिया वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था और हनुमानगढ़ी चौराहे से श्रीराम चिकित्सालय तक रामपथ की एक लेन को एकल किया गया था। दर्शनार्थी हनुमानगढ़ी की ओर से रामजन्मभूमि पथ से होकर राम मंदिर में प्रवेश पा रहे थे तो गेट नंबर-तीन से वापसी कराई जा रही थी। अब जबकि इस आयोजन में अधिक संख्या में आमंत्रित अतिथियों का आगमन होगा, तो अतिविशिष्ट प्रवेश द्वार संख्या-11 और उत्तरी प्रवेश द्वार को इनके लिए आरक्षित किए जाने का विचार है। परिसर को सजाने-संवारने का कार्य शुरू
नवंबर में प्रस्तावित आयोजन के लिए रामजन्मभूमि परिसर को अभी से सजाया-संवारा जाने लगा है। परकोटे के मध्य निर्मित छह पूरक मंदिरों के अलावा शेषावतार मंदिर, सप्तमंडपम व कुबेर टीला की ओर जाने वाले मार्गों को तैयार किया जा रहा।राम मंदिर व परकोटे के मध्य खाली पड़े स्थान का समतलीकरण हो जाने के उपरांत संगमरमर के पत्थरों से फर्श तैयार की जा रही है। इसके साथ परकोटे का अवशेष निर्माण भी चल रहा है। उत्तरी दिशा में संपूर्ण परकोटा बन गया है तो दक्षिण में पांच-छह फीट का निर्माण शेष है। राम मंदिर के VIP मार्ग पर टाइल्स भी लग चुकी हैं। लोअर प्लिंथ पर म्यूरल्स लगाने में श्रमिक व कारीगर जुटे हैं।

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