देवरिया एसएस माल धर्मांतरण में दो आरोपियों की जमानत खारिज:कोर्ट ने उस्मान गनी और इसराफिल को राहत देने से किया इनकार
देवरिया के बहुचर्चित एसएस माल धर्मांतरण प्रकरण में जिला न्यायालय में सुनवाई हुई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) प्रथम रवि यादव की अदालत ने एसएस माल के मालिक उस्मान गनी और उनके बड़े भाई इसराफिल की नियमित जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। सुनवाई के दौरान, आरोपियों के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि यह मामला झूठा और राजनीतिक रूप से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किलों पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और दोनों निर्दोष हैं। बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि धर्मांतरण की घटना से दोनों भाइयों का सीधा संबंध साबित करने के लिए कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। वहीं, शासकीय अधिवक्ता (जीए) राजेश कुमार शुक्ला ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया। उन्होंने अदालत को बताया कि आरोपी उस्मान गनी और इसराफिल धर्मांतरण से जुड़े गंभीर आरोपों में जेल में बंद हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्होंने पीड़िता को धमकी दी थी, और उनके परिजनों व समर्थकों द्वारा मुकदमा वापस लेने का दबाव भी बनाया गया था। शासकीय अधिवक्ता ने तर्क दिया कि यदि दोनों आरोपियों को जमानत दी जाती है, तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इससे मुकदमे की निष्पक्ष सुनवाई में बाधा आ सकती है। उन्होंने अदालत से दोनों की जमानत याचिका खारिज करने की अपील की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, एडीजे प्रथम रवि यादव ने कहा कि आरोपों की गंभीरता और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस समय जमानत देना उचित नहीं है। इसके बाद अदालत ने दोनों भाइयों की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपी उस्मान गनी और इसराफिल वर्तमान में जिला कारागार देवरिया में न्यायिक हिरासत में हैं।
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/7fSqsjY
Leave a Reply