दीपावली से पहले ओरेज-जोन में पहुंच गया काशी का हवा:AQI पहुंचा 115, विशेषज्ञ बोले- बदलते मौसम का असर,हृदय और सांस के मरीज रहे सतर्क

वाराणसी में लगातार चार दिनों से शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में हो रही बढ़ोतरी ने अब चिंता बढ़ा दी है। शनिवार को शहर का एक्यूआई 102,वहीं रविवार को 115 दर्ज किया गया। जिससे बनारस ‘ओरेज जोन’ में पहुंच गया है। पिछले पांच महीनों से शहर ग्रीन जोन में था, लेकिन अब हवा की गुणवत्ता खराब होने लगी है। इससे पहले 16 मई को वाराणसी यलो जोन में आया था। सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र बीएचयू और भेलूपुर क्षेत्र की हालत सबसे ज्यादा खराब रही। यहां एक्यूआई 147 रिकॉर्ड किया गया। हवा में घुले धूल के महीन कण यानी पीएम 2.5 का स्तर 127 रहा, जो कि मानक (60) से दोगुना अधिक है। वहीं पीएम 10 की मात्रा 150 रही, जबकि इसका मानक स्तर 100 है। इन स्तरों से साफ जाहिर होता है कि हवा में मौजूद धूलकण और प्रदूषक तत्व स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं। कुछ क्षेत्रों में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर अर्दली बाजार और मलदहिया क्षेत्र की हवा की गुणवत्ता अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर रही। अर्दली बाजार में AQI 110 और मलदहिया में 77 रहा, जो ग्रीन जोन की सीमा के नजदीक है। फिर भी विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में मौजूद प्रदूषक कण सभी क्षेत्रों में असर डाल सकते हैं। मौसम का असर, इसलिए बढ़ रहा AQI मानसून की विदाई के साथ ही तापमान में गिरावट आई है। तापमान सामान्य से 1.6 डिग्री कम 31.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि शनिवार रात का तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.4 डिग्री कम है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना है। इस मौसम में प्रदूषक अधिक समय तक हवा में टिके रहते हैं, जिससे AQI में वृद्धि होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह चिकित्सकों ने खासकर हृदय और सांस के पुराने मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। डॉक्टर मुकेश का कहना है कि इस मौसम में प्रदूषण का असर सबसे पहले बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों पर पड़ता है। त्योहार के मौसम में बाहर निकलते समय मास्क पहनना जरूरी है। उन्होंने सलाह दी कि धूप निकलने के बाद ही टहलने जाएं और जहां तक संभव हो, भीड़भाड़ से बचें।

Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/KVWDr5L