ताश के पत्ते की तरह बिखरा 10 लाख का गेट:कटरा दुर्गा पूजा कमेटी ने रजत जयंती पर तैयार कराया था प्रवेश द्वार
प्रयागराज शहर में चल रहे समाया माई पार्क के दुर्गा पूजा पंडाल में शुक्रवार रात बड़ा हादसा टल गया। करीब 70 फीट ऊंचा दक्षिण भारतीय मंदिर की तर्ज पर बना प्रवेश द्वार तेज आंधी-तूफान में ताश के पत्ते की तरह ढह गया। गनीमत रही कि उस समय प्रवेश द्वार और सड़क पर कोई मौजूद नहीं था। नहीं तो भारी जनहानि हो सकती थी। समिति अध्यक्ष आनंद अग्रवाल ने बताया कि पंडाल का निर्माण कोलकाता से आए कारीगरों ने गेट को तैयार किया था । इस बार पंडाल अपनी रजत जयंती यानी वर्षगांठ (25वां साल) पर विशेष भव्यता के साथ तैयार किया जा रहा था। 3 तस्वीरें देखिए… उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने से पंडाल निर्माण का काम चल रहा था। इस बार समिति ने पूजा को और भव्य बनाने के लिए विशेष प्रयास किए थे। कोलकाता से आए विद्वानों द्वारा पूजा और आकर्षक झांकी के जरिए धार्मिक माहौल बनाने की योजना थी। दक्षिण भारतीय मंदिर शैली में बने विशाल द्वार की ऊंचाई लगभग 70 फीट थी।लेकिन शनिवार रात करीब साढ़े नौ बजे आए तूफान ने इसकी नींव हिला दी और पूरा ढांचा धराशायी हो गया। अध्यक्ष के मुताबिक नुकसान का सही अनुमान लगाना अभी मुश्किल है, लेकिन शुरुआती तौर पर करीब एक लाख रुपये की क्षति बताई जा रही है। बिजली के खंभे और तार टूटने से पंडाल में रोशनी ठप हो गई है। हालांकि सबसे बड़ी राहत यह रही कि घटना में किसी की जान नहीं गई और न ही कोई बड़ी संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई।
समिति सदस्यों का कहना है कि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से देशभर में दुर्गा पूजा पंडाल प्रभावित हुए हैं। धनबाद, झारखंड और कोलकाता में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। बावजूद इसके, प्रयागराज में पूजा उत्सव पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही जारी रहेगा। पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन तय समय पर होगा और श्रद्धालुओं को झांकी तथा पूजा का पूरा आनंद मिल सकेगा।
यह दुर्गा पंडाल प्रयागराज में पिछले 25 वर्षों से लग रहा है और इस बार रजत जयंती के अवसर पर इसे विशेष रूप से सजाया गया था।
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