तालाब भूमि विवाद पर सपा विधायक डीएम से मिले:मकान और मस्जिद निर्माण के कागजात दिखाए, कहा- प्रशासन के पास सबूत नहीं
संभल से समाजवादी पार्टी के विधायक ने बहजोई में डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया से मुलाकात की। तहसीलदार संभल धीरेंद्र प्रताप सिंह की ओर से थाना रायसत्ती के हातिम सराय में तालाब की आठ बीघा भूमि में बने 80 मकान और एक मस्जिद निर्माण को लेकर कागजात दिखाए। उन्होंने दावा किया कि नोटिस 84 नंबर में दिए गए हैं जबकि राजस्व में 84 नंबर में कोई तालाब दर्ज नहीं है, 85 नंबर में निजी तालाब दर्ज है। संभल के मौहल्ला मियां सराय स्थित आवास पर रात 8 बजे प्रेसवार्ता करते हुए विधायक ने बताया कि 2008 में सम्भल मुंसिफ कोर्ट में एक मुकदमा महमूद आलम बनाम सरकार दाखिल हुआ। वह इसी जगह में था। आज 2025 है। 17 साल में भी संभल तहसीलदार और एसडीएम किसी भी तारीख पर जाकर अपनी सफाई नहीं देते। कई बार अदालत से उनको समन भी इश्यू हुए, मगर इन्होंने कोई जबाव जाकर नहीं दिया, क्योंकि उनके पास कोई सबूत ही नहीं है। सपा विधायक इकबाल महमूद ने कहा कि एसडीएम-तहसीलदार से किस आधार पर यह कर रहें है, आधार नहीं बताते और नोटिस दे देते हैं। हमारे कागज सही है तो हमें न्याय मिलेगा, उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि हम जो भी प्रक्रिया होगी न्याय के अंदर होगी। उन्होंने कहा कि राम सुनीति देवी ने उसको बेचा था, हमारा कहना यह की वह खेत था, वह तालाब नहीं था उसमें लोगों ने मकान बनाया। सपा विधायक इक़बाल महमूद ने कहा कि संभल के बीजेपी के पूर्व विधायक सत्यप्रकाश गुप्ता ने खुद इसका भराव कराया, यह होते हुए हमने देखा है। 1968 में भी उसमें खेती हुई है। लगातार पैमाइश और नोटिस की कार्रवाई के सवाल पर कहा कि नुकसान तो नहीं पहुंचाया। डीएम साहब से बात हुई है हमें न्याय मिलेगा जो कागजात उनको दिए हैं वह उसको टैली करेंगे और हमें न्याय मिलेगा। बुलडोजर का खौफ दिखाकर डर पैदा करने के सवाल पर कहा कि नहीं डर की बात तो नहीं हो सकती, लेकिन उनके दिल में क्या है मैं नहीं जानता, लेकिन अगली कार्रवाई के लिए कहा गया है कि पहले हम आपसे बात करेंगे, उसके बाद कार्रवाई करेंगे। हमारा कोई ऐसा ख्याल नहीं है कि हम इस पर कब्जा करें, यह संभल की जनता है आप देखो कैसा माहौल चल रहा है हर एक के चेहरे पर वहां जाकर देखिए औरतें रो रही है चिल्ला रही है कि हमारे घर भी गिराए जाएंगे। मैंने डीएम साहब को इससे अवगत कराया है और मुझे उम्मीद है डीएम साहब न्याय करेंगे। हमने जो हमारे पुराने कागज है वह सब उनको दिए हैं और दिखाया है कि इंद्राज है यहां पर भुट्टे की खेती होती थी और खेत में मक्का का पटवारी का भी इंद्राज है। देखिए जहां तक मुझे जानकारी मिली है संभल के अधिकारियों के पास कोई कागज है जिस पर 10-12 जगह पर चिन्हित किया गया है, अगर यह बात सही है तो उसके आधार पर यह हुआ होगा। प्रशासन हमारे कागज देखेगा।
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