ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल परीक्षण अनिवार्य:उन्नाव परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा हेतु नियम बदले, डॉक्टर की तैनाती हुई
उन्नाव में ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाने की प्रक्रिया अब और सख्त हो गई है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में लर्निंग या स्थायी DL के लिए आवेदन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्य रूप से मेडिकल परीक्षण कराना होगा। यह जानकारी सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (ARTO) श्वेता वर्मा और चिकित्सक डॉ. सौरभ सचान ने संयुक्त रूप से दी है। डॉ. सौरभ सचान ने बताया कि यह मेडिकल चेकअप केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि चालक की सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चालक यातायात संकेतों और ध्वनियों को सही ढंग से समझ सके तथा आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दे सके। इस परीक्षण में आवेदक की आंखों की रोशनी, कलर ब्लाइंडनेस (रंगों की पहचान में असमर्थता), सुनने की क्षमता और हाथ-पैरों की कार्यप्रणाली की जांच की जाती है। सफल चिकित्सा जांच के बाद, डॉक्टर द्वारा आवेदक को ‘फॉर्म 1ए’ भरकर दिया जाएगा। ARTO श्वेता वर्मा ने स्पष्ट किया कि इस फॉर्म 1ए के बिना ड्राइविंग टेस्ट या लर्निंग लाइसेंस की कोई भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। श्वेता वर्मा ने कहा, “फॉर्म 1ए यह प्रमाणित करता है कि व्यक्ति गाड़ी चलाने के लिए चिकित्सकीय रूप से फिट है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि उन्नाव की सड़कों पर केवल वही लोग वाहन चलाएं जो शारीरिक रूप से पूरी तरह योग्य हैं।” एआरटीओ ने उन ऑनलाइन धांधलियों के प्रति भी चेतावनी दी, जहाँ कुछ वेबसाइट्स पर बिना किसी वास्तविक परीक्षण के फॉर्म 1ए जारी किए जा रहे हैं।
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