चित्रकूट में ‘सर्वोदय से अभ्युदय’ पर अंतर्राष्ट्रीय SDG सम्मेलन:वसंत पंडित ने कहा- वैश्विक संपर्क और सतत विकास की दिशा में प्रगति को गति देना उद्देश्य

चित्रकूट संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को साकार करने की दिशा में वैश्विक विमर्श का केंद्र बना। दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा सोमवार को ‘सर्वोदय से अभ्युदय’ (सभी के उत्थान से सभी के उत्कर्ष तक) विषय पर पांचवां अंतर्राष्ट्रीय एसडीजी सम्मेलन शुरू हुआ। यह आयोजन भारत रत्न नानाजी देशमुख की 109वीं जयंती और शरद पूर्णिमा के अवसर पर विवेकानंद सभागार में प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री रामकेश निषाद, सांसद सतना गणेश सिंह, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. मोहन नागर, विधायक चित्रकूट सुरेंद्र सिंह गहरवार, विधायक पन्ना बृजेंद्र प्रताप सिंह, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव निखिल मुंडले, मणिपाल इंडो-पैसिफिक अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष डॉ. शेषाद्रि चारी, पदमश्री उमाशंकर पांडे, पदमश्री सेठपाल सिंह, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति डॉ. एके सिंह और विश्व बैंक की अर्थशास्त्री बेनेडिक्ट डे ला ब्रिएरे (फ्रांस) सहित कई गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन और नानाजी देशमुख के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति यह सम्मेलन एसडीजी एक्शन लैब के तत्वावधान में जन अभियान परिषद, मध्य प्रदेश के सहयोग से आयोजित हो रहा है। सेमिनार के संयोजक और दीनदयाल शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष वसंत पंडित ने बताया कि इसका उद्देश्य वैश्विक संपर्क को मजबूत करना और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति को गति देना है। उन्होंने कहा कि देशभर से 17 प्रमुख संस्थान इस आयोजन में भाग ले रहे हैं। इस बार सम्मेलन में विशेष फोकस एसडीजी-6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता) और एसडीजी-8 (सभ्य कार्य और आर्थिक विकास) पर रहेगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज त्रिपाठी ने किया। उन्होंने बताया कि तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञ जल प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन से जुड़े व्यावहारिक समाधानों पर चर्चा करेंगे। डॉ. मोहन नागर ने जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा, “जो व्यक्ति जल के प्रति संवेदनशील नहीं, वह किसी के प्रति नहीं हो सकता।” उन्होंने जल संरक्षण के लिए दीनदयाल शोध संस्थान वर्षों से सतत विकास के लक्ष्यों को व्यवहार में उतार रहा है। उन्होंने कहा कि नानाजी देशमुख ने ग्राम विकास का जो मॉडल चित्रकूट में प्रस्तुत किया, उसने सूखे क्षेत्रों को हरियाली में बदल दिया।“आज भारत सतत विकास की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से ये लक्ष्य अब वास्तविकता बन रहे हैं।

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