ग्यारहवीं शरीफ पर गौसे आजम का उर्स:अकीदत से मनाई गई महफिलें, सीरतुन्नबी प्रतियोगिता में शामिल स्टूडेंट्स को किया सम्मानित
गोरखपुर में शनिवार को शिक्षा और आस्था का सुंदर संगम देखने को मिला। इस्लामिया गर्ल्स इंटरमीडिएट कॉलेज, जाहिदाबाद गोरखनाथ और मौलाना आजाद हायर सेकेंडरी स्कूल, नथमलपुर में सीरतुन्नबी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार प्रदान किए गए। सम्मान समारोह में कॉलेज की प्रधानाचार्या शम्सा अंसारी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि “हमें दो रास्तों- एक जो जरूरी है और दूसरा जो मन चाहता है- के बीच संतुलन साधना आना चाहिए। यही संतुलन हमें आगे बढ़ने की दिशा देता है।” विद्यार्थियों को दी गई प्रेरणा और अध्ययन का संदेश वरिष्ठ शिक्षक मुजफ्फर हसनैन रूमी ने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में पढ़ने और अध्ययन करने की आदत कभी खत्म नहीं होनी चाहिए। जब व्यक्ति अपने काम से प्रेम करने लगता है, तो उसमें निरंतरता और स्थिरता आती है। कारी मुहम्मद अनस रजवी और आसिफ महमूद ने विद्यार्थियों को पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित करने और ज्ञान के प्रति उत्सुकता बनाए रखने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में गुलाम हैदर, फहमीदा बानो, गौहर, शीरीन, शबनम, मसर्रत, अयाजुद्दीन, अफसाना, सकीना, मंतशा, नूर सबा, माहिया, जरीना, परवीन, रूबी, आबिदा, अंजलना, बेलाल अहमद, शादाब, नसीम, उमैर सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे। ग्यारहवीं शरीफ पर गौसे आजम की याद में फातिहा और लंगर उधर, हजरत शैख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमा (गौसे आजम) का उर्स-ए-पाक ‘ग्यारहवीं शरीफ’ पूरे अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया। मस्जिदों और घरों में फातिहा ख्वानी हुई और जगह-जगह लंगर का आयोजन किया गया। मदरसा रजा-ए-मुस्तफा में हुई महफिल-ए-गौसे आजम तुर्कमानपुर स्थित मदरसा रजा-ए-मुस्तफा में आयोजित महफिल में कारी मुहम्मद अनस रजवी ने कहा कि गौसे आजम का मर्तबा औलिया-ए-किराम में सबसे ऊंचा है। उन्होंने कहा कि औलिया-ए-किराम ने तौहीद और सुन्नत-ए-नबी की रौशनी से समाज को ईमान और इंसानियत की राह दिखाई।
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