गोरखपुर विश्वविद्यालय में उद्यमिता मेला:युवाओं को रोजगार देने वाले बनने की प्रेरणा, स्टार्टअप- नवाचार से मिला आत्मविश्वास
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत व्यवसाय प्रशासन विभाग द्वारा आज “उद्यमिता मेला” आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम दोपहर 2 बजे शुरू हुआ और छात्रों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। इसका उद्देश्य युवाओं में उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देना और उन्हें भविष्य के सफल उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करना था। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा, “आज का युग नवाचार और आत्मनिर्भरता का है। युवाओं के पास अपार संभावनाएँ हैं। उन्हें केवल नौकरी तक सीमित न रखकर उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना आवश्यक है। हमारा लक्ष्य है कि युवा रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। यह मेला उनके विचारों को व्यवहार में बदलने का ठोस अवसर है।” विभागाध्यक्ष- संरक्षक ने मार्गदर्शन दिया व्यवसाय प्रशासन विभाग के अध्यक्ष प्रो. मनीष कुमार श्रीवास्तव ने मेले की रूपरेखा प्रस्तुत की और छात्रों को उनके विचारों को व्यावहारिक रूप देने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. दिव्या रानी सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों को नवाचार, रचनात्मक सोच और व्यवहारिक अनुभव का अवसर प्रदान करता रहेगा। स्टार्टअप मॉडल- नवाचार प्रदर्शित किए गए उद्यमिता मेले में छात्रों ने अपने स्टार्टअप मॉडल और उत्पादों का प्रदर्शन किया। प्रमुख स्टॉलों में शेक बार, बिग कनेक्ट हब (वन कनेक्शन, मेनी फ्यूचर), हेल्थ हैकर, इको इनोवेटिव, द चाट हब, द कॉम सोल, नट सीड एंड सोल शामिल थे। मेले में युवा सशक्तिकरण, स्थानीय संसाधनों के उपयोग और डिजिटल नवाचार पर विशेष ध्यान दिया गया। कार्यक्रम में शहीद भगत सिंह का जन्मदिवस भी मनाया गया। छात्रों ने शहीद भगत सिंह के जीवन और वीरता को रेखाचित्र प्रदर्शनी और कविता के माध्यम से प्रदर्शित किया। कुलपति ने रेखाचित्रों का अवलोकन किया और छात्रों की प्रशंसा की। मेला विद्यार्थियों के लिए ऐसा मंच साबित हुआ, जहाँ उन्हें अपने विचारों को प्रस्तुत करने का अवसर मिला और इसे व्यवहार में लागू करने का आत्मविश्वास भी प्राप्त हुआ। विश्वविद्यालय ने संकल्प लिया कि निरंतर ऐसे आयोजन करेगा, जिससे युवाओं में उद्यमिता की भावना और आत्मनिर्भरता मजबूत हो और वे समाज और राष्ट्र के विकास में सक्रिय योगदान दें। भविष्य के लिए संकल्प और दिशा कार्यक्रम में डॉ. अनुपमा कौशिक, गार्गी पाण्डेय, डॉ. कृतिका श्रीवास्तव, डॉ. पूर्णिमा मिश्रा, डॉ. सुशील कुमार सिंह, डॉ. अनुभव नाथ त्रिपाठी, डॉ. मोहम्मद इरफ़ान, डॉ. सुरुचि श्रीवास्तव, श्रीमती तेजस्वी दुबे और शोध छात्रा शिवांगी मिश्रा एवं कीर्ती दुबे उपस्थित रहे।
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