गोरखपुर में राप्ती-रोहिणी का जलस्तर घटा:राप्ती 75.22 और रोहिणी 83.14 मीटर पर, निचले इलाकों में अभी भी पानी

गोरखपुर की दोनों प्रमुख नदियां राप्ती और रोहिणी का जलस्तर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। लेकिन अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। राप्ती का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से 0.24 मीटर ऊपर 75.22 मीटर पर है। वहीं, रोहिणी का जलस्तर खतरे के निशान से 0.70 मीटर ऊपर 83.140 मीटर पर दर्ज किया गया है। हालांकि जलस्तर में गिरावट आई है, परन्तु आसपास के निचले इलाकों में पानी अभी भी भरा हुआ है और कुछ जगहों पर बढ़त भी देखी जा रही है। निचले इलाकों में बाढ़ का प्रभाव जारी राप्ती और रोहिणी के किनारे बसे गांवों में पानी भरा हुआ है। बाढ़ के कारण खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हैं और कच्चे रास्तों पर घुटनों तक पानी भरा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही सीमित हो गई है, जिससे जीवन प्रभावित हो रहा है। राप्ती नदी के किनारे बसे भटपुरवा, केवटान, कोइलीखास, पिडहनी, मरकड़ी, खोहियापट्टी, हिंगुहार, लखनौरी, लखनौरा, मोहन पौहरिया, मछरगांवा, सूबेदारनगर माझा, बिहुआ उर्फ़ अगलगौवा, मंझरियां और बड़गों जैसे गांवों में बाढ़ का पानी अभी भी जमा है। इन इलाकों के ग्रामीणों को घरों और खेतों से निकलने में कठिनाई हो रही है। राहत केंद्र सक्रिय, बचाव के इंतजाम गोरखपुर प्रशासन ने सभी बाढ़ राहत केंद्र सक्रिय कर दिए हैं। जरूरत पड़ने पर प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बसों, ट्रैक्टर-ट्रॉली और नावों की व्यवस्था की गई है। प्रशासन लगातार प्रभावित इलाकों का जायजा ले रहा है और राहत कार्यों में तेजी लाई जा रही है। राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) और राज्य आपदा राहत बल (SDRF) की टीमें चौबीसों घंटे अलर्ट मोड में हैं। किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करने के लिए सभी दल तैयार हैं।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर