गोरखपुर में पकड़ी गई नकली मिलावटी मावा बनाने की फैक्ट्री:8.5 क्विंटल माल जब्त; नष्ट कराया जाएगा; फैक्ट्री मालिक को नोटिस जारी
दीपावली पर मिलावटखोरी के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। चिलुआताल थाना क्षेत्र में मिलावटी खोया (मावा) बनाने की एक फैक्ट्री पर छापा मारकर नकली खोया बरामद किया गया है। इसे मिल्क पाउडर, रिफाइन, वेजटबल आयल और ग्लूकोज मिलाकर मीठा मावा तैयार किया जा रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
टीम ने यहां से 8.5 क्विंटल मीठा मावा सीज कर जब्त कर लिया गया है। टीम इसे नष्ट करा देगी। मावा की बिक्री मिठाई की दुकानों पर की जाती है। जहां और भी मिठाइयां तैयार की जाती हैं। मानक के अनुसार मावा केवल दूध से तैयार किया जा सकता है। इसमें कुछ और नहीं मिलाया जा सकता। सुबह पहुंची टीम तो मचा हड़कंप खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त डा. सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम सुबह 10 बजे फर्टिलाइजर कालोनी स्थित फैक्ट्री पर पहुंची। यहां अंदर जाने पर भारी मात्रा में तैयार मावा और मिल्क केक मिठाई बनाई जा रही थी। टीम ने लाइसेंस मांगा तो खोया बनाने का लाइसेंस फैक्ट्री संचालक दिखा सके। इसके बाद वहां जांच की गई। मौके पर मावा तैयार भी किया जा रहा था। मिल्क पाउडर में रिफाइन, वेजटेबल आयल और ग्लूकोज मिलाकर मावा तैयार किया जा रहा था। यह मानकों के विपरीत है। बड़े पैमाने पर ग्लूकोज और मिल्क पाउडर की बोरियां वहां मिलीं। रिफाइन व वेजटेबल आयल भी बरामद किया गया। टीम ने माल को सीज कर दिया। जानिए विभाग के अधिकारी ने क्या कहा
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डा. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि दीपावली के मद्देनजर गलत तरीके से मिठाई बनाने की सूचना मिली थी। यहां टीम ने छापा मारा तो बड़े पैमाने पर मिठाई तैयार की जा रही थी। मिल्क पाउडर, रिफाइन, वेजटेबल आयल व ग्लूकोज मिलाकर मीठा माया बनाया जा रहा था। यह मिलावट प्रतिबंधित है। इससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। जांच के लिए भेजे गए 5 नमूने
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जांच के लिए 5 नमूने कलेक्ट कर भेजे हैं। इसमें मावा, मिल्क पाउडर, रिफाइन, मिल्क केक आदि के नमूने शामिल हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल फैक्ट्री के संचालक को नोटिस जारी की गई है। संतोषजनक जवाब न देने पर खोया बनाने का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। नमूने का रिजल्ट यदि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आया तो फैक्ट्री पर कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस खोया बनाने का तैयार कर रहे थे मिठाई
फैक्ट्री का लाइसेंस कृष्णा स्वीट्स के नाम से है। भगवान यादव इसके संचालक हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग से खोया बनाने का लाइसेंस लिया गया था लेकिन यहां मिठाई तैयार की जा रही थी। इसे गलत माना गया है। यह बड़ी फैक्ट्री है और अधिकतर काम आटोमेटिक पद्धति से हो रहे हैं। दूध को गर्म करने से लेकर मावा तैयार करने और पैकिंग करने के लिए मशीन का उपयोग किया जा रहा था। अब जानिए कितनी है कीमत टीम ने 8.5 क्विंटल मावा सीज किया है। बाजार मूल्य की बात करें तो यह 200 रुपये किलो तक में बेचा जाता है। 1 लाख 70 हजार रुपये इसकी कीमत आंकी गई है। रोज लगभग इतना की मावा तैयार किया जाता था। दीपावली को देखते हुए मिठाई का प्रोडक्शन भी बढ़ा दिया गया था। महीने की बात करें तो लगभग 255 क्विंटल माल तैयार किया जा रहा था। ग्वाला ब्रांड के नाम से बेची जाती थी मिठाई और मावा
इस फैक्ट्री में तैयार मिठाई और मावा ग्वाला ब्रांड के नाम से बेचा जा रहा था। माल आकर्षक दिखे इसलिए पैकेजिंग को काफी आकर्षक बनाया गया था। मिल्क केक को वर्गाकार डिब्बों में पैक कर गोरखपुर व आसपास के जिलों में भेजा जा रहा था। मिठाई की दुकानों पर अधिक खपत
इस मावा और मिल्क केक की मिठाई की दुकानों पर अधिक खपत होती है। गोरखपुर के बाहर मिठाई बनाने की दुकानों से बड़े आर्डर मिले थे। दीपावली को देखते हुए बड़े पैमाने पर आर्डर मंगाया जा रहा था। यदि शुद्ध मावा लेते तो लगभग 300 रुपये प्रति किलो उसकी कीमत होती। शुद्ध मावा की जगह इस तरह से तैयार मावा अधिक चलता है। अब जानिए कैसे बनता है शुद्ध मावा
शुद्ध मावा बनाने के लिए केवल दूध का इस्तेमाल किया जाता है। उसे धीमी आंच पर पकाकर मावा तैयार किया जाता है। मिल्क पाउडर से भी मावा तैयार किया जा सकता है। लेकिन उसमें आधी मात्रा में लिक्विड दूध और घी का इस्तेमाल करना होता है। यानी सभी चीजें प्राकृतिक होती हैं। और कोई सामग्री मिलाने से मावा शुद्ध नहीं रह जाता और असुरक्षित भी हो जाता है।
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