गोरखपुर में नदी का जलस्तर घटा:राप्ती खतरे के निशान से 0.35 मीटर नीचे, 15 गांवों में अभी भी बाढ़ का पानी
गोरखपुर की प्रमुख नदियाँ राप्ती और रोहिनी खतरे के निशान से नीचे आ गई हैं। माप अनुसार राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 0.35 मीटर कम होकर 74.630 मीटर पर है, जबकि रोहिनी नदी खतरे के निशान से 0.41 मीटर नीचे, 82.030 मीटर पर बह रही है। जलस्तर में गिरावट के बावजूद, आसपास के निचले इलाके अभी भी पानी से प्रभावित हैं। प्रभावित इलाकों में अभी भी है पानी राप्ती नदी के किनारे बसे भटपुरवा, केवटान, कोइलीखास, पिडहनी, मरकड़ी, खोहियापट्टी, हिंगुहार, लखनौरी, लखनौरा, मोहन पौहरिया, मछरगांवा, सूबेदारनगर माझा, बिहुआ (अगलगौवा), मंझरियां और बड़गों जैसे गांवों में बाढ़ का पानी अब भी जमा है। ग्रामीणों को घरों और खेतों से निकलने में कठिनाई हो रही है। कई लोग पानी में फंसे इलाकों से बाहर निकलने के लिए प्रयासरत हैं। राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) और राज्य आपदा राहत बल (SDRF) की टीमें चौबीसों घंटे अलर्ट मोड में हैं। प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने और राहत कार्य तेजी से करने के लिए सभी दल पूरी तरह तैयार हैं। जलमग्न क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखी जा रही है। स्थानीय प्रशासन की तैयारी जिला और नगर प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है। प्रशासन ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और घरों में सतर्क रहने की चेतावनी दी है। अधिकारियों की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का आकलन कर रही हैं। बाढ़ के कारण घरों और खेतों में पानी भरने से ग्रामीणों को रोजमर्रा के कामकाज में गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई इलाकों में भोजन और पेयजल की समस्या भी हो रही है।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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