गोंडा में घाघरा का जलस्तर 18 सेंटीमीटर घटा:तेज हुई कटान; धान की फसलें बर्बाद, प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा

गोंडा में घाघरा नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटे में 18 सेंटीमीटर घट गया है। नदी अब एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से मात्र 1 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जलस्तर में गिरावट से जहां बाढ़ का खतरा कुछ कम हुआ है, वहीं नदी किनारे कटान की समस्या और गंभीर हो गई है। तरबगंज तहसील क्षेत्र में कटान की रफ्तार तेज हो गई है। नदी किनारे लगी धान की फसलें बहने लगी हैं। किसानों की मेहनत एक-एक कर मिट्टी में समा रही है। गोंडा बाढ़ खंड विभाग ने कटान रोकने के प्रयास किए, लेकिन अब तक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। प्रशासन ने शुरू की मुआवजे की प्रक्रिया ग्रामीण अपनी बर्बाद होती फसलों को देखने नदी किनारे पहुंच रहे हैं। इस बीच जिला प्रशासन ने प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राजस्व विभाग के अधिकारी गांव-गांव जाकर सर्वे कर रहे हैं और तहसील प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
गांवों के रास्ते अब भी जलमग्न कई गांवों के मुख्य मार्गों पर अभी भी पानी भरा हुआ है, जिससे लोगों के आवागमन में दिक्कत हो रही है। हालांकि धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में नाव की व्यवस्था की है। स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा विभाग की टीमें भी गांव-गांव जाकर इलाज कर रही हैं।
देर शाम तक खतरे के निशान से नीचे जाएगा पानी वर्तमान में घाघरा नदी में 2,97,152 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। प्रशासन का अनुमान है कि देर शाम तक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ जाएगा। गोंडा जिलाधिकारी आलोक कुमार ने कहा— “नदी का जलस्तर घटने से कटान की समस्या सामने आई है। प्रभावित क्षेत्रों की सर्वे रिपोर्ट मंगाई गई है। शासन के नियमों के तहत किसानों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी।”

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर