गोंडा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर रोक:मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद फैसला, 10 दवाओं के लिए गए नमूने

मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से हुई मौत के बाद उत्तर प्रदेश में भी औषधि प्रशासन विभाग सक्रिय हो गया है। गोंडा में औषधि निरीक्षक सुमित कुमार वर्मा ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके साथ ही जिले में निजी और सरकारी दवा गोदामों पर लगातार छापेमारी कर दवाओं के नमूने लिए जा रहे हैं। औषधि प्रशासन विभाग ने राज्य के सभी अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। गोंडा में, औषधि निरीक्षक सुमित कुमार वर्मा ने सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर संचालकों को कोल्ड्रिफ कफ सिरप न बेचने या मरीजों को न देने का सख्त आदेश दिया है। लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। निरीक्षक सुमित कुमार वर्मा द्वारा अब तक गोंडा जिले में 10 अलग-अलग दवाओं के 10 नमूने लिए जा चुके हैं। इन नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। उन्होंने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों, थोक विक्रेताओं और सरकारी अस्पतालों से कोल्ड्रिफ कफ सिरप के स्टॉक की जानकारी भी मांगी है। औषधि निरीक्षक सुमित कुमार वर्मा ने बताया कि इस कफ सिरप में कोडीन की मात्रा अधिक होती है और इसमें लगभग 48.6 प्रतिशत डायथिलीन ग्लाइकॉल पाया जाता है। यह तत्व किडनी फेल होने की संभावना बढ़ाता है और नशे का कारण भी बन सकता है। उन्होंने पुष्टि की कि सरकार और औषधि विभाग के निर्देशों पर लगातार अभियान चलाकर गोदामों और दुकानों से दवाओं के नमूने लिए जा रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि किसी भी कीमत पर कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री नहीं होने दी जाएगी और पूरे जिले में इसकी बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी गई है।

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