कानपुर छात्रसंघ बहाली मोर्चा का सरकार पर निशाना:दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव के विजेताओं को बधाई, यूपी के छात्र वंचित

उत्तर प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग को लेकर छात्रसंघ बहाली मोर्चा ने शनिवार को सरकार की नीतियों पर कड़ा हमला बोला और एक निंदा प्रस्ताव जारी किया। मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह विडंबना है कि जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव के विजेताओं को बधाई देते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के करोड़ों छात्रों को लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। छात्रसंघ चुनाव से “अशांति” फैलती है कानपुर के छात्र नेता अभिजीत राय ने सरकार के इस तर्क को पूरी तरह बेबुनियाद करार दिया कि छात्रसंघ चुनाव से “अशांति” फैलती है। उनका कहना है कि अगर दिल्ली में छात्रसंघ चुनाव लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक माने जाते हैं, तो फिर उत्तर प्रदेश में यही चुनाव “अशांति” का कारण कैसे हो सकते हैं? यह तर्क न केवल हास्यास्पद है बल्कि छात्रों के आत्मसम्मान और उनकी राजनीतिक चेतना का भी अपमान है। छात्रों के अधिकारों का सीधा हनन है छात्रसंघ बहाली मोर्चा ने कहा कि सरकार का यह दोहरा रवैया छात्रों के अधिकारों का सीधा हनन है और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है। मोर्चा के नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार ने शीघ्र छात्रसंघ चुनाव बहाल नहीं किए, तो प्रदेशभर में व्यापक छात्र आंदोलन खड़ा किया जाएगा। चुनाव केवल कैंपस राजनीति का हिस्सा नहीं हैं मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि लोकतंत्र में छात्रों को भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का अधिकार है। यह चुनाव केवल कैंपस राजनीति का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों में नेतृत्व क्षमता और लोकतांत्रिक सोच विकसित करने का भी जरिया हैं। ऐसे में चुनावों पर रोक लगाना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है। राज्य सरकार से अपील की छात्रसंघ बहाली मोर्चा ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह दिल्ली की तरह उत्तर प्रदेश में भी लोकतांत्रिक परंपरा को जीवित रखते हुए छात्रसंघ चुनाव तत्काल बहाल करे, जिससे युवाओं में विश्वास और ऊर्जा का संचार हो सके।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर