कथारंग फाउंडेशन का ‘रंगोत्सव’ कार्यक्रम संपन्न:साहित्य, कला और लोकसंस्कृति की दिखी झलक
लखनऊ में कथारंग फाउंडेशन का दो दिवसीय वार्षिक कार्यक्रम ‘रंगोत्सव’ अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान में संपन्न हो गया। इस आयोजन में साहित्य, कला और लोकसंस्कृति की विविध झलकियाँ प्रस्तुत की गईं। कार्यक्रम के प्रथम दिन मुख्य अतिथि पत्रकार डॉ. रहीस सिंह और विशिष्ट युवा अतिथि अनुराग अनंत रहे। दीप प्रज्ज्वलन के बाद मीशा रतन और ईशा रतन ने गणेश वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत पौध और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। प्रसिद्ध व्यंग्य ‘इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर’का वाचन आयोजन की शुरुआत हरिशंकर परसाई के प्रसिद्ध व्यंग्य ‘इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर’ के वाचन से हुई। कौंतेय जय, पुनीता अवस्थी और अंबरीष बाबी ने इसका वाचन किया। इसके उपरांत, कौंतेय जय ने अनुराग अनंत के साथ साहित्य के समकालीन स्वरूप और उसकी प्रासंगिकता पर चर्चा की। अंतिम प्रस्तुति उपेंद्र नाथ अश्क की कहानी ‘पहेली’ रही अवधी लोककथाओं की श्रृंखला में अमिता पांडे ने ‘छुटकी’ और ‘नागदेवता’ का प्रभावशाली वाचन किया। वहीं, डॉ. अपूर्वा अवस्थी और अनमोल मिश्र ने कन्नौजी हास्य लोककथा ‘पंडिताइन को मूसल’ प्रस्तुत की।दिन की अंतिम प्रस्तुति उपेंद्र नाथ अश्क की कहानी ‘पहेली’ रही। अनुपमा शरद, सोम गांगुली, ऋषिता प्रजापति और सोम ने अभिनय और वाचन के माध्यम से इसे जीवंत किया। कार्यक्रम का संचालन सोम गांगुली और अनुपमा शरद ने किया। इस अवसर पर फाउंडेशन की अध्यक्ष नूतन वशिष्ठ, सचिव अनुपमा शरद सहित पुनीता अवस्थी, मालविका त्रिवेदी, डॉ. अपूर्वा अवस्थी, अमिता पांडे, ममता शुक्ला, डॉ. सुमन मिश्रा, कौंतेय जय, अनमोल मिश्रा एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे। नगर के कई वरिष्ठ साहित्यकार और कला प्रेमी भी मौजूद थे।
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