एक दिन की हड़ताल से लेडी लॉयल अस्पताल बना कूड़ाघर:वेतन न मिलने से हड़ताल पर थे सफाई कर्मचारी, आश्वासन मिलने के बाद हुई सफाई
आगरा के लेडी लॉयल अस्पताल में सिर्फ एक दिन चली सफाई कर्मचारियों की हड़ताल ने अस्पताल की व्यवस्था को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। रविवार को सफाई कर्मियों ने वेतन न मिलने के विरोध में काम बंद कर दिया, जिससे सोमवार सुबह तक अस्पताल में चारों ओर गंदगी और दुर्गंध का माहौल बन गया। भास्कर की टीम जब सोमवार सुबह अस्पताल पहुंची, तो पाया कि एक दिन की हड़ताल ने ही अस्पताल को कूड़ाघर में बदल दिया था। अस्पताल के वार्ड, गलियारे, और टॉयलेट्स में कचरे का अंबार लगा हुआ था। मरीजों और उनके परिजनों को उसी गंदे माहौल में रहना पड़ रहा था। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा कई गुना बढ़ गया था। प्रसूति वार्ड की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर रही। जहां नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर सीधा पड़ सकता था। भास्कर की टीम ने देखा कि कई जगहों पर बायोमेडिकल कचरा पड़ा हुआ था। प्रसुति वार्ड में कचरे से डस्टबिन पूरे भरे हुए थे। उसके बाहर बहुत गंदगी फैली हुई है। टॉयलेट्स का हाल तो यह था कि एक सेकंड भी कोई वहां न रूक पाए वहां मरीज और उनके तीमारदार उन टॉयलेट्स का इस्तमाल कर रहे थे। तो वहीं ग्राउंड फ्लोर पर टॉयलेट के बाहर लिखा हुआ था कि यह खराब है। हड़ताल सोमवार सुबह तक चली, लेकिन वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रचना गुप्ता के हस्तक्षेप और आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने अस्थायी रूप से हड़ताल खत्म कर काम शुरू कर दिया। डॉ. गुप्ता ने भरोसा दिलाया कि एक-दो दिनों में वेतन जारी कर दिया जाएगा। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर वादा पूरा नहीं हुआ, तो वे फिर से हड़ताल पर लौट आएंगे। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि हमें 7000 रूपय का वेतन मिलता है। वो भी पिछले महीने का नहीं मिला दूसरा महीना भी लगभग खत्म होने को है। हमने अपने ठेकेदार से कई बार कहा लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि वेतन न मिलने की वजह से उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है। इसलिए उन्हें हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा। एसआइसी डाॅ रचना गुप्ता ने बताया कि अगस्त महीना का वेतन इन कमर्चारियों को प्राइवेट कम्पनी द्वारा नहीं दिया गया था। जिसके कारण यह लोग हड़ताल पर बैठे थे। लेकिन अब इनके द्वारा काम फिर से शुरू कर दिया गया है।
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