आशा वर्कर्स ने का DM ऑफिस में प्रदर्शन:नियमित वेतन और सामाजिक सुरक्षा लागू करने की मांग
रायबरेली में आशा वर्कर्स ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर नियमित वेतन और सामाजिक सुरक्षा लाभ लागू करने की मांग की है। देश भर में लगभग 10 लाख 22 हजार 265 आशा वर्कर्स कार्यरत हैं। ये कर्मी भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) योजना के तहत काम करती हैं। वर्तमान में, उन्हें केवल प्रोत्साहन राशि (इंसेंटिव) का भुगतान किया जाता है, कोई निश्चित मानदेय या वेतन नहीं मिलता है। आशा वर्कर्स ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती हैं। इनमें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देना, प्राथमिक चिकित्सा, आवश्यक सेवाओं के लिए परामर्श और जटिल मामलों को स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाना शामिल है। वे लोगों को स्वास्थ्य सेवा केंद्रों तक पहुंचने में भी मदद करती हैं। इसके अलावा, आशा कर्मी साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल और शौचालय निर्माण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाती हैं और इसमें सहयोग भी करती हैं। आशा कर्मियों ने अपने पत्र में कहा है कि इन महत्वपूर्ण कार्यों के बावजूद, उन्हें निश्चित मानदेय या वेतन नहीं मिलता। उन्हें केवल उनके द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर एक अल्प प्रोत्साहन राशि दी जाती है। आशा वर्कर्स ने इस व्यवस्था को बदलकर नियमित वेतन और सामाजिक सुरक्षा लाभ लागू करने की अपील की है।
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