आगरा में श्मशान पर युवक पर हमला:चेहरा, आंखें नोंची हुई मिली, एसएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा इलाज

आगरा के ताजगंज श्मशान घाट पर मु्र्दा जलाने वाले युवक का चेहरा बुरी तरह से घावों से भरा हुआ है। आंखें गायब हो चुकी हैं। पुलिस ने इसे जानवर का हमला माना है। युवक का इलाज एसएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
ताजगंज क्षेत्र के जलाल बुखारी की दरगाह के पास शमसुद्दीन रहता है। पिछले कई सालों से ताजगंज श्मशान घाट पर ही मुर्दे जलाने का काम करता है। कई बार श्मशान पर ही रूक जाता है। शनिवार रात को हमेशा की तरह वह घाट पर सो गया था। सुबह जब स्थानीय लोग वहां पहुंचे, तो उन्होंने शमसुद्दीन को खून से लथपथ, चेहरे और आंखों को बुरी तरह नोंचा हुआ था। यह नज़ारा इतना भयावह था कि मौके पर मौजूद लोग सिहर उठे। घटना की सूचना मिलते ही ताजमहल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। घायल को तुरंत एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि शमसुद्दीन का पूरा चेहरा, विशेष रूप से आंखों के आसपास का हिस्सा गंभीर रूप से नष्ट हो चुका है। डॉक्टरों का मानना है कि यह किसी जानवर के हमले में हुआ है।
पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज में रात के समय किसी संदिग्ध व्यक्ति की आवाजाही दिखाई नहीं दिखाई दी है। बता दें कि पिछले साल ताजमहल के पास नगला तल्फी में भी इस तरह के हमले हुए थे। लगभग 2 दर्जन जानवरों की मौत हुई थी। उन हमलों में भी जानवरों के चेहरे, आंखों और शरीर पर घाव मिलते थे। ताज सुरक्षा एसीपी अरीब अहमद ने बताया कि प्रारंभिक जांच में किसी मानव हमले के साक्ष्य नहीं मिले हैं। घायल के चेहरे और आंखों पर जो घाव हैं, वे किसी जंगली जानवर या आवारा कुत्ते के हमले जैसे प्रतीत हो रहे हैं। हम सभी एंगल से जांच कर रहे हैं और फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है।

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