आगरा कॉलेज के प्रिंसिपल पर फर्जीवाड़े का मुकदमा:पूर्व प्रिंसिपल का आरोप- फर्जी मार्कशीट, जाति प्रमाण पत्र से पाई नौकरी
आगरा कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ थाना शाहगंज में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने का गंभीर आरोप है। यह मुकदमा कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. अनुराग शुक्ल की शिकायत पर दर्ज किया गया है। इंटरव्यू के लिए नंबर कम थे, फिर भी बने प्रिंसिपल डॉ. शुक्ल का आरोप है कि वर्तमान प्रिंसिपल डॉ. सी.के. गौतम ने 1996 में उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्ति पाई थी। उन्होंने 1990 में हाथरस स्थित पी.सी. बागला महाविद्यालय से अंग्रेज़ी विषय में एमए किया था, जिसमें उन्हें 1000 में से 471 अंक प्राप्त हुए थे। शिकायत के अनुसार, उस समय इंटरव्यू के लिए न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक अनिवार्य थे, लेकिन डॉ. गौतम के पास इससे कम अंक होने के कारण उन्हें इंटरव्यू में नहीं बुलाया गया था। आरोप है कि उन्होंने इंटरव्यू में शामिल होने के लिए सादा बाद से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया और खुद को ‘जाटव’ जाति का बताया। गोपनीय विभाग से चार्ट भी गायब इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी मार्कशीट में अंकों की हेराफेरी करवाई और 1000 में से 572 अंक दर्शाए। डॉ. शुक्ल ने यह भी आरोप लगाया है कि डॉ. गौतम ने विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग से मूल्यांकन चार्ट तक गायब करवा दिए, और फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी प्राप्त की। बाद में वे प्रिंसिपल भी बन गए। डॉ. शुक्ल की शिकायत के आधार पर थाना शाहगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और फर्जी दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी गई है।
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