असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा रद करने के UPESSC पर प्रदर्शन:अभ्यर्थियों ने कहा, इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर हुआ है गड़बड़झाला, परीक्षा नियंत्रक को हटाने की मांग
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) के बाहर आज शुक्रवार को प्रतियोगी छात्रों ने प्रदर्शन किया। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष को ज्ञापन सौंप कर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती रद कर पुन: परीक्षा कराए जाने की मांग की। अभ्यर्थियों का आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती का कुछ दिन पहले रिजल्ट घोषित किया गया था। जिसमें लगभग 981 पदों के लिए लगभग 33 से 37 विषयों में पद खाली थे। अब अभ्यर्थियों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। ये लोग कह रहे है कि सिर्फ तीन जिलों में ज्यादा चयन हुआ है, जिसमें मेरठ, मथुरा और गोरखपुर के छात्र शामिल हैं। परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ भी अभ्यर्थी नारेबाजी किए। छात्रों ने की है यह मांग प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों ने कहा, असिस्टेंअ प्रोफेसर परीक्षा विज्ञापन संख्या-51 रद कर दोबारा परीक्षा जाए। अभ्यर्थियों ने कहा, 16 और 17 अप्रैल की परीक्षा में रोल नंबर रजिस्ट्रेशन नंबर के अनुसार आवंटन यानी रैंडमाइजेशन नहीं किया गया। एक कक्ष में, एक साथ और एक ही कमरे में और एक ही विषय के छात्रों को बैठाया गया। आरोप लगाया है कि यह परीक्षा ब्लैक लिस्टेड कंपनी से कराई गई है जो परीक्षा पर प्रश्न चिह्न उठा रहे हैं। भूगोल विषय विशेषज्ञ शिव शंकर वर्मा पर अपने छात्रों व अपने करीबियों काे अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ भी छात्रों ने आवाज उठाई है।
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