अमरोहा में झूठे दुष्कर्म केस में पिता को सजा:नाबालिग बेटी के अपहरण का फर्जी आरोप लगाने पर, गवाह पर भी जुर्माना
अमरोहा। रहरा थाना क्षेत्र से जुड़े एक झूठे मुकदमे में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। नाबालिग बेटी के अपहरण और दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले पिता को एक महीने की सजा और 500 रुपये का जुर्माना सुनाया गया है। वहीं इस केस में झूठी गवाही देने वाले गवाह पर भी 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया। 22 फरवरी 2021 को पीड़िता के पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि गांव का ही अली हसन उर्फ कलुआ उनकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर ले गया है। पिता ने यह भी बताया था कि हसन उनके घर आता-जाता था। इस शिकायत पर पुलिस ने अली हसन के खिलाफ अपहरण और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया। बाद में किशोरी को बरामद करने पर उसके बयान के आधार पर दुष्कर्म की धारा भी जोड़ दी गई। जेल गया था आरोपी, फिर मिली जमानत पुलिस ने अली हसन को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा, हालांकि बाद में उसे जमानत मिल गई। विवेचक ने उसके खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। मामला विशेष पॉक्सो एक्ट प्रथम की अदालत में सुनवाई में था। बयानों से पलटे पिता और गवाह सुनवाई के दौरान किशोरी के पिता अपने बयान से पलट गए। खुद किशोरी ने भी दुष्कर्म से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, मुकदमे में गवाह बने गांव के युवक ने भी कोर्ट में अपने बयान बदल दिए। साक्ष्यों के अभाव में 29 जुलाई 2025 को कोर्ट ने अली हसन को सभी आरोपों से बरी कर दिया। अब पिता और गवाह को सजा अदालत ने इस मामले को गंभीर मानते हुए पिता और गवाह के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। सुनवाई के बाद पाया गया कि वादी ने झूठे तथ्यों के आधार पर तहरीर दी और कोर्ट के सामने गलत साक्ष्य प्रस्तुत किए। इसी पर कोर्ट ने पिता को एक महीने की सजा और दोनों पर जुर्माना ठोका।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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