अब्बास अंसारी गैंग के 3 आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत:नवनीत, शाहबाज और फिरोज पर दर्ज गैंगस्टर एक्ट की FIR और गैर-जमानती वारंट रद्द

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी गैंग से जुड़े नवनीत सचान, शाहबाज आलम और फिरोज खान के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर एक्ट की एफआईआर को रद्द कर दिया है। यह एफआईआर चित्रकूट के कर्वी कोतवाली में 3 अगस्त 2024 को दर्ज हुई थी। कोर्ट ने यह आदेश गैंग चार्ट की प्रक्रिया में नियमों के पालन न होने के आधार पर दिया। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति मदन पाल सिंह की खंडपीठ ने तीनों आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए माना कि गैंग चार्ट तैयार करने में नियम 5(3)ए का पालन नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक में केवल औपचारिकता निभाई गई, लोक व्यवस्था भंग करने के तथ्यों पर विस्तृत चर्चा नहीं की गई। साथ ही एफआईआर में भी अपराध का विस्तृत विवरण नहीं दिया गया। इसलिए गैंग चार्ट की प्रक्रिया दूषित पाई गई और एफआईआर को अवैध करार दिया गया। गैर-जमानती वारंट भी कोर्ट ने रद्द कर दिया। याची पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डी.एस. मिश्र और अभिषेक मिश्र ने बहस की, जबकि सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा। याची पक्ष का तर्क था कि गैंग चार्ट में नियमों की अनदेखी हुई है। 10 फरवरी 2023 को दर्ज हुई एफआईआर में आरोपियों का नाम नहीं था। इस एफआईआर के अनुसार, चित्रकूट जेल में बंद गैंग लीडर अब्बास अंसारी से उसकी पत्नी निखत बानो ने अवैध रूप से घंटों मुलाकात की थी। जांच में जेल बैरक से मोबाइल फोन, ज्वेलरी और विदेशी मुद्रा भी बरामद हुई थी। इसके बाद अब्बास को नैनी जेल और फिर कासगंज जेल भेजा गया। सरकार का कहना था कि नवनीत सचान जेल अधिकारियों को पैसे भेजता था और पुलिस-प्रशासन की संयुक्त बैठक के बाद गैंग चार्ट तैयार किया गया, जिसे 29 अगस्त 2024 को अनुमोदित किया गया। लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया। अंततः कोर्ट ने कहा कि गैंग चार्ट और एफआईआर नियमों के अनुसार नहीं बनाए गए। इसलिए 31 अगस्त 2024 की गैंगस्टर एक्ट की एफआईआर रद्द की जाती है।

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