UP में कफ सिरप कंपनियों पर सख्ती:69 नमूने जांच के लिए भेजे, लखनऊ में कई जगह मिली गड़बड़ियां
प्रदेश भर में औषधि निर्माण शालाओं पर विशेष निगरानी अभियान चलाया गया। इस दौरान 37 कफ सिरप निर्माता कंपनियों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में कई जगह गड़बड़ियां और अस्वच्छ परिस्थितियां मिलने पर चार निर्माण इकाइयों को नोटिस भेजा गया है। राज्य औषधि विभाग की टीम ने लखनऊ, सहारनपुर, मथुरा और अलीगढ़ में स्थापित औषधि निर्माण शालाओं का निरीक्षण किया। जांच के दौरान कई इकाइयों में औषधियों का उत्पादन अस्वच्छ परिस्थितियों में किया जा रहा था। वहीं, औषधि प्रसाधन अधिनियम 1940 के तहत जरूरी अभिलेख मौके पर उपलब्ध नहीं कराए गए। विभाग ने चारों फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कुल 69 नमूने जांच के लिए संग्रहित, अभियान जारी निरीक्षण के दौरान 38 रॉ मैटीरियल और 31 फिनिश्ड गुड्स के नमूने लिए गए हैं। इन सभी नमूनों को जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला में भेजा गया है। विभाग के अनुसार अब तक पूरे प्रदेश में 595 कफ सिरप के नमूने अस्पतालों, क्लीनिकों, मेडिकल स्टोरों और नर्सिंग होम्स से एकत्र किए जा चुके हैं। अन्य राज्यों की संदिग्ध दवा कंपनियों पर भी नजर पिछले चार वर्षों में हुई जांच में हिमाचल प्रदेश की Digital Vision और Nexpar Pharma, उत्तराखंड की Tulbros Formulation, तथा गुजरात की Shape Pharma जैसी कंपनियों के उत्पादों में संदिग्ध तत्व जैसे इथिलीन ग्लॉकोल पाए गए थे। इन कंपनियों के कफ सिरप के भंडारण और बिक्री पर विभाग लगातार निगरानी रख रहा है। हालांकि हालिया जांच में Digital Vision और Shape Pharma की कोई भी दवा भंडारित नहीं पाई गई। जनहित में औषधि गुणवत्ता पर निगरानी जारी राज्य औषधि विभाग ने स्पष्ट किया है कि औषधियों की गुणवत्ता पर सतत निगरानी जारी रहेगी। किसी भी प्रकार की अमानक, नकली या अपमिश्रित दवा मिलने पर संबंधित निर्माता या विक्रेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने कहा कि यह अभियान जनहित में आगे भी निरंतर जारी रहेगा।
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