IITBHU पहुंचे नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी:बोले- ब्लू इकॉनमी बनेगा भारत का अगला आईटी सेक्टर,AI और साइबर सुरक्षा पर हो रहा काम

भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी आईआईटी बीएचयू पहुंचे। निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने उनका स्वागत किया। उन्होंने एबीएलटी-4 सभागार में आयोजित एक विशेष सत्र में विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को प्रेरणादायी संबोधन दिया। एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा – इस संस्थान ने देश को अनेक श्रेष्ठ इंजीनियर, वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञ प्रदान किए हैं, जिन्होंने भारत की प्रगति में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने विद्यार्थियों को ‘विकसित भारत @2047’ की संकल्पना को साकार करने हेतु अपनी तकनीकी प्रतिभा का सदुपयोग करने की प्रेरणा दी। ब्लू इकॉनमी पर होगा काम
एडमिरल त्रिपाठी ने देश की समुद्री क्षमताओं और सुरक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि भारत का 95% व्यापार, 85% कच्चा तेल और लगभग 99% इंटरनेट डेटा समुद्री मार्गों से होकर गुजरता है। उन्होंने इस संदर्भ में “ब्लू इकॉनमी” को भारत का “दूसरा आईटी सेक्टर” बताते हुए इसे आर्थिक विकास की अगली बड़ी लहर बताया। उन्होंने कहा कि समुद्री संसाधनों, जहाजरानी, अपतटीय ऊर्जा एवं समुद्री जैवविविधता में अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें तकनीक और नवाचार के माध्यम से विकसित किया जा सकता है। 4 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय जहाजों की सुरक्षा
अपने संबोधन में नौसेना अध्यक्ष ने यह भी बताया- भारतीय नौसेना न केवल युद्ध की तैयारियों में बल्कि मानवीय सहायता, समुद्री सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है। रेड सी मार्ग से 4 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय जहाजों की सुरक्षा, संकट में फंसे नागरिकों का बचाव और मानवीय सहायता पहुंचाने जैसे कार्यों में नौसेना की भूमिका रही है। AI और रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पर काम करने के लिए किया प्रेरित
उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे AI, रोबोटिक्स, उन्नत सामग्री विज्ञान, साइबर सुरक्षा और समुद्री तकनीकों में अनुसंधान और नवाचार करें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नौसेना की आत्मनिर्भरता युवाओं के नवाचारों पर ही आधारित होगी। भू-राजनीतिक बदलावों के कारण हमारे काम की संख्या, विविधता और जटिलता बढ़ी
भारत के लिए नौसेना की भूमिका अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है। दुनिया में सुरक्षा को लेकर तेजी से बदलाव हो रहे हैं। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, “दुनिया भर में चल रहे संघर्षों और भू-राजनीतिक बदलावों के कारण हमारे काम की संख्या, विविधता और जटिलता बढ़ गई है। उन्होंने आगे कहा, “सबसे तेजी से बढ़ने वाली सेना होने के नाते, नौसेना लगातार नई तकनीकों को अपना रही है। हम आधुनिक जहाज, पनडुब्बियां, विमान, unmanned सिस्टम (ड्रोन), अंतरिक्ष में मौजूद संसाधन और Al (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से चलने वाले प्लेटफॉर्म शामिल कर रहे हैं। इससे हमारी ताकत और भी बढ़ रही है।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर