IGRS रैंकिंग में प्रयागराज लगातार तीसरी बार 75वें स्थान पर:जिले ने फिर सबसे निचले पायदान पर जगह बनाई

आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रेवांस रिड्रेसल सिस्टम) रैंकिंग में प्रयागराज की स्थिति लगातार खराब हो रही है। सितंबर माह की रैंकिंग में जिले ने एक बार फिर सबसे आखिरी पायदान यानी 75वें स्थान पर जगह बनाई है। यह लगातार तीसरा महीना है जब प्रयागराज इस रैंकिंग में सबसे नीचे रहा। पिछले छह महीनों में जिले ने पांच बार सबसे निचले पायदान पर स्थान पाया है। अप्रैल, मई, अगस्त में प्रयागराज 75वें स्थान पर रहा था, जबकि जून में थोड़ी सुधार दिखाते हुए 74वें स्थान पर पहुंचा था। अधिकारियों की समीक्षा में सामने आया है कि विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी और एक ही शिकायत का तहसील तथा थाना दोनों जगह दर्ज होना एक बड़ी समस्या बन गया है। इसके कारण फरियादी एक विभाग से दूसरे विभाग तक भटकते रहते हैं और शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं हो पाता। आईजीआरएस रैंकिंग जारी होते ही कलेक्ट्रेट में एक समीक्षा बैठक बुलाई गई। इसमें 80 रैंडम मामलों पर शिकायतकर्ताओं और संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की गई। बैठक में ऐसे लोग भी शामिल थे जिन्होंने बार-बार एक ही विषय पर शिकायत की थी, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ था। उदाहरण के तौर पर, मेजा क्षेत्र में एक गली चौड़ीकरण के विवाद को लेकर एक पक्ष कोर्ट पहुंचा और उसे राहत भी मिली। हालांकि, तहसीलदार ने मौके पर कार्रवाई में देरी की, जिससे दूसरा पक्ष भी कोर्ट चला गया। इस मामले में एडीएम सिटी सत्यम मिश्रा ने तहसीलदार को नोटिस जारी किया है। बैठक में एडीएम सिटी ने पुलिस और राजस्व विभाग को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायतों को एक-दूसरे पर टालने से निस्तारण में अनावश्यक देरी होती है। उन्होंने ऐसा तंत्र विकसित करने पर जोर दिया जिससे फरियादियों को भटकना न पड़े और सभी शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके।

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