E हटाकर A जोड़ो, पानी से खूब कमाओ:यूपी में मुनाफाखोरी के लिए ब्रांडेड पानी के नकली नाम, सेल्समैन बोला- बेचो… कोई नहीं देखता

स्टिकर चेंज हो जाएगा बस… पानी सबका सेम होता है। आप देख लीजिए… सेम है। एक्वा अमित में एकदम किनले जैसी बोतल है। ये कहना है ललित कश्यप का…। वह ब्रांडेड वाटर के नाम पर मिलते–जुलते नाम की बोतल की पैकिंग कर नकली पानी बेचता है। यूपी में पानी की बोतल में धोखे की पैकिंग का धंधा खुलेआम चल रहा है। इसकी सबसे पहली वजह है– मुनाफाखोरी। ब्रांडेड कंपनी की 1000 बोतल बेचने पर दुकानदार को 9,160 रुपए की कमाई होती, वहीं मिलते-जुलते नाम की 1000 बोतल बेचने पर सीधे 12,910 रुपए की कमाई हो जाती है, यानी 3,750 रुपए ज्यादा। बस इसलिए ये मुनाफाखोरी खूब चल रही है। ‘दैनिक भास्कर’ की टीम ने राजधानी लखनऊ में इस पूरे खेल का इन्वेस्टिगेशन किया तो कई चौकाने वाली बातें मिलीं। पढ़िए, पूरा खुलासा… यूपी में रेलवे स्टेशन, ट्रेनों, बस स्टैंड, बाजारों में ब्रांडेड कंपनियों के मिलते-जुलते नामों की पानी की बोतल बिक रही है। इनकी स्पेलिंग में हल्का-सा करेक्शन होता है, इसे लोग ध्यान से देखते नहीं और ब्रांडेड कंपनी की पानी की बोतल समझकर ले लेते हैं। स्पेलिंग में करेक्शन करके पानी की बोतल क्यों बेची जा रही है? ये कैसे हो रहा है? इसके जवाब के लिए भास्कर ने इन्वेस्टिगेशन किया। हमने सबसे पहले ये पता किया कि कौन-सी ब्रांडेड कंपनियां यूपी में पानी बेच रही है? इसमें 3 प्रमुख नाम सामने आए– बिसलेरी (Bisleri), किनले (Kinley) और एक्वाफिना (Aquafina)। इसके बाद हमने ये पता किया कि इन ब्रांडेड कंपनियों के मिलते–जुलते नाम पर क्या पानी बेचा जा रहा है? तो एक–दो नहीं बल्कि दर्जनों नाम सामने आ आए। हमने बाजार में खोजा तो दुकानों पर नकली पैकिंग का पानी बड़ी आसानी उपलब्ध हो गया। लोग जब ब्रांडेड पानी की बोतल मांगते हैं तो दुकानदार उन्हें नकली नाम की बोतल थमा देते हैं, ग्राहक भी देखे बगैर ले लेते हैं। हमने पानी की मैन्युफेक्चरिंग करने वालों से संपर्क किया। आगरा हाईवे पर प्लांट लगाकर नकली बोतल बनाने वाले लल्लन (ललित कश्यप) से हम NGO के सदस्य बनकर मिले। उससे रोज 70 हजार बोतल की डिमांड की। इसके बाद जब बातचीत हुई तो उसने मुनाफाखोरी के इस धंधे के सारे राज खोल दिए। इससे साफ हो गया कि सेल्समैन ब्रांडेड कंपनी की बोतल जैसी ही नकली बोतल बनाकर देने को तैयार हो गया। इसके एक दिन पहले हमने नाम बदलने को लेकर जो बात की थी। लल्लन ने यह भी दावा किया कि स्पेलिंग बदलकर बिक रही पानी की बोतल पर लोग ध्यान नहीं देते। ब्रांडेड समझकर खरीद लेते हैं। ऐसे समझें मुनाफा और मुनाफाखोरी मुनाफा : Bisleri (बिसलेरी), एक्वाफिना और किनले कंपनी की थोक रेट में 12 बोतल 130 रुपए की आती है। यानी 10.84 रुपए की एक। इसे दुकानदार 20 रुपए में बेचकर 9.16 रुपए प्रति बोतल मुनाफा कमाता है। यानी यदि उसने 1 हजार बोतल बेची तो 9160 रुपए की कमाई होगी। मुनाफाखोरी : मिलते–जुलते नाम जैसे– Bisleri (e की जगह a कर दिया), एक्वा अमित की थोक रेट में 12 बोतल 85 रुपए में बेची जा रही है। यानी 7.09 रुपए की एक। इसे दुकानदार 20 रुपए में बेचकर 12.91 रुपए प्रति बोतल का मुनाफा कमाता है। यदि उसने 1 हजार बोतल बेची तो 12910 रुपए की कमाई होती। यानी ब्रांडेड पानी की बोतल के मुकाबले 3750 रुपए ज्यादा। अगर गलत हुआ तो कार्रवाई करेंगे हमने इस संबंध में फूड एंड सेफ्टी विभाग लखनऊ के असिस्टेंट कमिश्नर वीपी सिंह से बात की। उन्होंने कहा- अगर गलत हुआ तो कार्रवाई करेंगे। ——————– भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- यूपी में 5500 रुपए में कट्‌टा:मिठाई की दुकान और शॉपिंग मॉल में बिक रहे, तस्कर बोला- 75 हजार में रिवॉल्वर ये है देसी कट्‌टा… 6 हजार रुपए मांगे हैं, लेकिन 5500 रुपए में लगा देंगे। ये नया है भैया… चला नहीं है। देखो… मैं बताऊं तुमको, ये चलने के बाद सेट हो जाएगा। 1-2 बार चलने के बाद बढ़िया हो जाएगा। यह कहना है अवैध हथियारों के तस्कर अंकित का। ये कासगंज जिले के भरगैन गांव में मिठाई की दुकान में देसी कट्‌टा बेच रहा। इसने पहले रेट बताए, फिर यह भी बताया कि मेन तस्कर कौन है? ये केवल कासगंज में हो रहा है, ऐसा नहीं है। यूपी के कई जिलों में आसानी से कट्‌टे, पिस्टल, रिवॉल्वर मिल रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर यूपी में अफसरों को रुपए की पुड़िया दो…पासपोर्ट बनवाओ:कैमरे पर लिए ₹2000, रिजेक्ट एप्लिकेशन अप्रूव पासपोर्ट दफ्तरों पर चलने वाली दलाली और यहां तैनात विदेश मंत्रालय के अफसरों के रुपए लेने के मामले को एक्सपोज करने के लिए दैनिक भास्कर टीम ने गोरखपुर पासपोर्ट ऑफिस में एक महीने तक इन्वेस्टिगेशन किया। जिस फाइल में कमी बताकर यहां के अफसर ने रिजेक्ट किया, उसी फाइल को APO ने अगले दिन 2 हजार रुपए लेकर अप्रूव कर दिया। पढ़ें पूरी खबर यूपी में चल रहे अफ्रीकन-रशियन गर्ल्स के सेक्स रैकेट:स्पा सेंटर्स में एक्स्ट्रा सर्विस के नाम पर कस्टमर्स फंसा रहे; देखें स्टिंग अफ्रीकन… रशियन… थाई… ये लड़कियां जिस्मफरोशी के लिए खुद की नुमाइश कर रही हैं। यूपी में स्पा सेंटर की आड़ में इंडियन और थाई गर्ल्स से वैश्यावृत्ति कराना आम बात है। अब इन स्पा सेंटरों में काम्पिटिशन इतना बढ़ गया कि ये कस्टमर्स को फंसाने के लिए अफ्रीकन और रशियन गर्ल्स का सेक्स रैकेट चला रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर गली-चौराहे तक इनके एजेंट एक्टिव हैं, जो लड़कियां उपलब्ध करा रहे। पढ़ें पूरी खबर

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