DIOS बोले–मंत्री से शिकायत क्यों की, पैसे वापस ले लो,AUDIO:बांदा में महिला टीचर से एक लाख घूस ली, धमकाया–नौकरी तो यूपी में करोगी

बांदा में सरकारी स्कूल की टीचर से ट्रांसफर करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) ने एक लाख 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। टीचर ने दो किस्तों में 40–40 हजार रुपए दे दिए। बाकी पैसा ट्रांसफर होने के बाद देन की बात कही। DIOS ने बाद में 30 हजार और लिए, उसके बाद ट्रांसफर लेटर दे दिया। लेकिन रिलीविंग लेटर जारी करने में आनाकानी करने लगे। टीचर ने मामले की शिकायत विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर और एक मंत्री से कर दी। इसपर भड़के DIOS ने टीचर को वॉट्सऐप कॉल कर पैसे वापस करने की बात कही और धमकी देने लगे। इससे परेशान टीचर ने मामले की शिकायत सीएम योगी को लेटर लिखकर की है। टीचर और DIOS के बीच दो कॉल की रिकॉर्डिंग सामने आई हैं। इनमें एक में DIOS और टीचर के पति से बातचीत है, जबकि दूसरी रिकॉर्डिंग में DIOS टीचर को धमकी देते सुनाई पड़ रहे हैं। ये पूरा मामला बांदा के राजकीय हाई स्कूल जखनी का है। टीचर ने मिर्जापुर के लिए मांगा था ट्रांसफर मिर्जापुर के भागीरथ खुर थाना चुनार की रहने वाली आरती की ज्वाइनिंग 2021 में बांदा के राजकीय हाई स्कूल जखनी में हिंदी के सहायक अध्यापक के तौर पर हुई थी। 3 साल यहीं पर तैनात रहीं। आरती ने मानव संपदा पोर्टल पर 1 जून 2025 को राजकीय हाई स्कूल शाहपुर मिर्जापुर के लिए ट्रांसफर अप्लाई किया। अप्लाई करने के अगले ही दिन आरती को DIOS दिनेश कुमार ने वॉट्सऐप कॉल कर सर्किट हाउस स्थित अपने आवास पर बुलाया। बस यहीं से वसूली का खेल शुरू हुआ। एप्लिकेशन फॉरवर्ड करने के लिए मांगी डेढ़ लाख घूस टीचर अपने पति के साथ 3 जून, 2025 को DIOS से मिलने सर्किट हाउस स्थित उनके आवास पर पहुंचीं। जहां DIOS ने मानव संपदा पोर्टल पर अप्लाई एप्लिकेशन को आगे फॉरवर्ड करने के लिए डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत मांगी। इस दौरान बातचीत में मामला एक लाख 20 हजार में फाइनल हुआ। इसके बाद 4 जून की सुबह DIOS ने अपने आवास पर बुलाकर 40,000 नगद ले लिए। उसके दो दिन बाद 6 जून को दोबारा टीचर को बुलाकर 40,000 रुपए की दूसरी किस्त भी ले ली। दूसरी किस्त देने के दौरान महिला ने अपने पति के साथ मिलकर हिडन कैमरे से DIOS का पैसे के लेनदेन को लेकर वीडियो बना लिया। जिसमें टीचर और उसके पति DIOS से काम होने के बाद बाकी बची रकम देने की बात कहते सुनाई पड़ रहे हैं। जिसपर DIOS कार्यमुक्त होने के बाद पैसे देने की बात कहते नजर आ रहे हैं। आगे की कहानी टीचर की जुबानी पढ़िए टीचर आरती ने बताया– 14 जून 2025 को मानव संपदा पर पोर्टल पर ट्रांसफर हुए टीचरों की सूची जारी हुई। जिसमें क्रम संख्या–82 पर मेरा नाम था। लेकिन स्कूल के नाम पर गड़बड़ी थी। स्कूल का नाम राजकीय हाई स्कूल शाहपुर मिर्जापुर की बजाय राजकीय हाई स्कूल इंडिविड यूल शाहपुर मिर्जापुर लिखा था। इस गड़बड़ी की शिकायत मैंने DIOS और शासन स्तर तक की। जिसके बाद 21 जुलाई 2025 के संशोधन के बाद ट्रांसफर ऑर्डर में स्कूल का नाम सही हो गया। ये लेटर DIOS के पास आ गया। टीचर के मुताबिक, ट्रांसफर लेटर मुझे देन के बाद मैं DIOS से कार्य मुक्ति पत्र (रिलीविंग लेटर) के लिए कहा। जिसके बाद DIOS ने फिर हमें सर्किट हाउस आवास पर बुलाकर पैसे मांगे। 22 अगस्त को मैंने अपने पति के साथ जाकर 30,000 नगद DIOS को दे दिये। करीब एक हफ्ते तक जब मुझे कार्य मुक्त नहीं किया गया तो मैंने DIOS से कहा। जिसपर DIOS ने प्रिंसिपल से मिलने की बात कही। झूठी आख्या लगाकर रद्द कर दिया ट्रांसफर ऑर्डर टीचर के मुताबिक, जब मैंने राजकीय हाई स्कूल जखनी की प्रिंसिपल से रिलीविंग लेटर देने को कहा तो उन्होंने 50 रुपए की डिमांड की। इतने रुपए देने के बाद भी जब और पैसे मांगे जाने लगे तो मैंने DIOS से शिकायत की। लेकिन उन्होंने प्रिंसिपल पर ही बात डालकर कोई जवाब नहीं दिया। जब मैंने कई बार DIOS से रिक्वेस्ट की तो उन्होंने 12 सितंबर 2025 को फर्जी आख्या लगाकर पत्र भेजकर ट्रांसफर लेटर के आदेश को ही रद्द कर दिया। महानिदेशक ने आरोपी को दी दे दी जांच इन सबसे परेशान होकर टीचर ने महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा परिषद समेत सभी अधिकारियों को अपनी व्यथा बताते हुए शिकायती पत्र दिया। जिस पर महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा परिषद ने मामले की जांच आरोपी DIOS को ही दे दी। इससे परेशान होकर मैंने जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद से मामले की शिकायत की। जिसके बाद मंत्री ने DIOS को बुलाकर पूछताछ की लेकिन हमें कोई राहत नहीं मिली। मेरे पति ने DIOS को कॉल की तो उल्टा हमें पैसे वापस लेने की बात कहने लगे। पढ़िए DIOS और शिक्षक के पति की बीच हुई बातचीत… टीचर से कहा- नौकरी तो यूपी में करोगी टीचर आरती ने बताया- हम लोगों ने पैसे वापस मिलने का इंतजार किया लेकिन पैसे वापस नहीं मिले। न ही रिलीविंग लेटर मिला। जब 10 दिन इंतजार के बाद मैंने दोबारा DIOS को कॉल की तो वे मुझे धमकाने लगे। सीएम को लेटर लिखकर मांगा न्याय टीचर का कहना है कि जिस DIOS ने ट्रांसफर के नाम पर पैसे लिए। वो अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच कैसे करेगा। इसे लेकर मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रार्थना पत्र भेजकर दोषियों पर कार्रवाई और न्याय की मांग की है। भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- आपकी पूजा में केमिकल वाला नकली चंदन:यूपी में खिन्नी की लकड़ी पर परफ्यूम; ऐसे 100 कारखाने, कैमरे में देखिए ठगी ये लकड़ी होती है… खिन्नी की, इसमें कोई महक नहीं होती। इसमें कंपाउंड (केमिकल मिक्सचर) मिलाया जाता है चंदन का… फिर यह महकती है चंदन जैसी। जब जलइयो चंदन-सी खुशबू होगी। अगर इसमें असली चंदन की लकड़ियां मिला दें, तो पहचानना मुश्किल हो जाता है। हम ही लोग पहचान पाते हैं। ये हैं यूपी के चंदन के बड़े कारोबारी, लेकिन ये चंदन होता नकली है। ये खिन्नी की लकड़ी पर चंदन की खुशबू वाले परफ्यूम का स्प्रे करके ऐसा नकली चंदन बनाते हैं कि आम लोग पकड़ ही नहीं पाते। पढ़ें पूरी खबर महिलाएं कागजों पर ‘नेता’, कुर्सी पर पति का कब्जा:भास्कर टीम मिलने पहुंची तो पति बोले- हम ही सबकुछ संवैधानिक पदों पर महिलाओं को आरक्षण देने के बाद महिलाएं कितनी एक्टिव हुई हैं? क्या ये अपने क्षेत्र का काम खुद संभाल रही हैं? इन सवालों के जवाब के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने कुशीनगर, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर में 10 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। हम कुशीनगर से 25 किमी दूर सेवरही ब्लॉक पहुंचे। ऑफिस में भीड़ थी। अंदर गए तो महिला ब्लॉक प्रमुख अनु तिवारी की कुर्सी खाली थी। पढ़िए पूरी खबर मंत्री-विधायकों के गांवों में भी नहीं पहुंचा ‘हर घर जल’:विधायक की मां हैंडपंप से भर रहीं पानी; यूपी के जलशक्ति मंत्री का गांव भी प्यासा ‘रामप्यारी देवी। उम्र 75 साल, लेकिन जोर लगाकर हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर। रामप्यारी देवी कोई आम महिला नहीं। हमीरपुर के भाजपा विधायक डॉ. मनोज कुमार प्रजापति की मां हैं। इनके घर में जल जीवन मिशन की टोटी है, लेकिन पानी नहीं। पौथिया बुजुर्ग गांव विधायक डॉ. मनोज प्रजापति का पैतृक गांव है। सरकारी रिकॉर्ड में यहां जल जीवन मिशन का काम 100% हो गया है। अफसरों का दावा है कि यहां हर घर में पानी आ रहा है। पढ़ें पूरी खबर

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