BHU में शैक्षणिक उत्कृष्टता पुरस्कार’ की घोषणा:डिप्लोमा में बाहरी प्रवेश के लिए बनी समीक्षा समिति,PHD में आरक्षण विवाद खत्म करने पर हुई चर्चा

बीएचयू ने विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। अब विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट अकादमिक प्रदर्शन के लिए वार्षिक ‘शैक्षणिक उत्कृष्टता पुरस्कार’ प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा डिप्लोमा पाठ्यक्रम में बहरी एडमिशन के लिए एक समीक्षा समिति का गठन किया गया है।‌ यह निर्णय कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी की अध्यक्षता में आयोजित विद्वत परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया जिसके फैसले की रिपोर्ट विश्वविद्यालय ने जारी की। अब समझिए कैसे और किसे मिलेगा पुरस्कार विश्वविद्यालय के सभी संकायों में संचालित नियमित और विशेष पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी इस पुरस्कार के लिए पात्र होंगे, बशर्ते उन्होंने 8.5 या उससे अधिक सीजीपीए अर्जित किया हो। इस पुरस्कार के अंतर्गत चयनित विद्यार्थियों को नकद राशि के साथ उत्कृष्टता प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 25,000, द्वितीय स्थान को 20,000 तथा तृतीय स्थान को 15,000 की नकद राशि दी जाएगी। कार्यक्रम में विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर पुरस्कारों की संख्या तय की गई है — 100 से अधिक विद्यार्थियों वाले कार्यक्रमों में तीन पुरस्कार, 50 से 100 विद्यार्थियों वाले कार्यक्रमों में दो पुरस्कार और 50 से कम विद्यार्थियों वाले कार्यक्रमों में एक पुरस्कार दिया जाएगा। डिप्लोमा पाठ्यक्रम के बहरी एडमिशन पर हुई लंबी बहस बैठक में सबसे अधिक समय तक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में बाहरी लोगों के प्रवेश को लेकर चर्चा हुई जिसमें कुछ प्रोफेसर डिप्लोमा में बाहरी छात्रों के एडमिशन के लिए इसलिए समर्थन कर रहे थे क्योंकि सीट खाली जा रही थी तो वहीं कुछ अध्यापकों ने इसलिए विरोध किया कि बाहरी लड़के एडमिशन करा लेते हैं और फिर वह विश्वविद्यालय का कार्ड लेकर उसका दुरुपयोग करते हुए पाए गए हैं जिस कारण यह फैसला विश्वविद्यालय में अभी लिया गया है कि बाहरी छात्रों का प्रवेश डिप्लोमा में नहीं लिया जाएगा। हालांकि लंबी चर्चा के बाद एक समीक्षा समिति का गठन किया गया है जो समिति अपनी रिपोर्ट देगी उसके बाद फैसला लिया जाएगा। PHD एडमिशन में आरक्षण विवाद को खत्म करने के लिए तैयार की गई रिपोर्ट पिछले पीएचडी प्रवेश में जिस तरह से आरक्षण को लेकर विश्वविद्यालय में आंदोलन हुआ उसके बाद अब नए कुलपति ने सभी विभाग अध्यक्षों से सुझाव मांगा थाइसके बाद एक रिपोर्ट तैयार की गई है जिसमें प्रवेश में आरक्षण हर वर्ग को उचित तरीके से मिले इसका प्रावधान किया जाएगा। साथ ही इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई है।

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