AIMIM ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा:कुशीनगर में मुस्लिम समाज पर कथित अत्याचारों की शिकायत

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की कुशीनगर जिला कोर कमेटी के युवा जिलाध्यक्ष आजाद हुसैन ने राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समाज पर कथित अत्याचारों और उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। संगठन ने राज्य में धार्मिक उन्माद फैलाने और प्रशासन की कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की है। AIMIM ने अपने पत्र में दावा किया है कि 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद से देश में धार्मिक उन्माद बढ़ा है। संगठन का आरोप है कि 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में धर्म के नाम पर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। पत्र में 27 सितंबर 2025 को बरेली में हुई एक हिंसक घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए एक बयान का भी उल्लेख है। AIMIM ने इस बयान को अमर्यादित, असंवैधानिक और निंदनीय बताते हुए कहा है कि यह मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद की गरिमा को धूमिल करता है। पार्टी ने ऐसे बयानों की कड़ी निंदा की है। संगठन ने आरोप लगाया है कि एक ओर जहां प्रशासन द्वारा धर्म के नाम पर मुस्लिम समुदाय पर हिंसा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर फतेहपुर में भाजपा, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू सेना, आरएसएस और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा पुलिस-प्रशासन के संरक्षण में सुनियोजित हिंसा हुई है। पत्र में आगरा में करणी सेना द्वारा एक सांसद के घर का घेराव करने और खुलेआम तलवारें लहराने का भी जिक्र है। AIMIM का आरोप है कि तथाकथित धार्मिक गुरु खुलेआम मंचों से धर्म संसद के माध्यम से मुसलमानों को मारने, देश से निकालने और लोकतांत्रिक सरकारों को उखाड़ फेंकने जैसे नफरती बयान दे रहे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। संगठन का कहना है कि इससे प्रदेश सरकार की मंशा और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक संवैधानिक सरकार के बजाय धर्म विशेष की सरकार चल रही है। AIMIM का आरोप है कि प्रदेश सरकार की नीतियां धार्मिक उन्माद फैलाने, अराजकता को बढ़ावा देने और मुसलमानों के खिलाफ नफरत की मुहिम चलाने तक ही सीमित हैं।

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