ABVP और IET कॉलेज ने संगोष्ठी आयोजित की:प्रो. यशवंतराव केलकर की जन्म शताब्दी पर ‘राष्ट्र निर्माण’ विषय पर चर्चा

लखनऊ के IET कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और कॉलेज ने एक संगोष्ठी का आयोजन किया। यह संगोष्ठी महान गणितज्ञ प्रो. यशवंतराव केलकर की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में हुई। इसका विषय ‘युवा, नवोन्मेष और राष्ट्र निर्माण: प्रो. यशवंतराव केलकर के दृष्टिकोण से प्रेरणाएं’ था। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ अधिवक्ता सूर्यभान पांडेय, मनोजकांत (निदेशक, राष्ट्रधर्म पत्रिका एवं क्षेत्रीय सह प्रचार प्रमुख, RSS), सिद्धार्थ वर्मा (निबंधक, रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल) और अधिवक्ता अवधेश सिंह ने किया। उन्होंने मां सरस्वती और स्वामी विवेकानंद के चित्रों पर पुष्पार्चन और दीप प्रज्वलित किया। IET के निदेशक प्रो. विनीत कंसल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सच्चा युवा वही है जो व्यवस्था में बदलाव का साहस रखता है मुख्य वक्ता मनोजकांत ने अपने संबोधन में कहा कि सच्चा युवा वही है जो व्यवस्था में बदलाव का साहस रखता है। उन्होंने नवाचार की संस्कृति को केवल प्रयोग तक सीमित न मानते हुए असफलता से सीखने और निरंतर सुधार की प्रेरणा देने वाला बताया। मनोजकांत ने जोर दिया कि राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं की सोच निर्णायक होती है। युवाओं को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने की प्रेरणा मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता सूर्यभान पांडेय ने प्रो. केलकर के जीवन को ‘एकात्म मानव दर्शन’ का जीवंत उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद और प्रो. केलकर के विचारों में गहरा संबंध है, जो समाज निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है। IET के निदेशक प्रो. विनीत कंसल ने कहा कि युवा वही है जो चरित्रवान हो और समाज के लिए कुछ करने का जज्बा रखता हो। विशिष्ट अतिथि सिद्धार्थ वर्मा ने युवाओं को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने और संसाधनों के अभाव में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

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