78 घंटे बाद नदी से निकाला एक और युवक शव:आगरा में ऊंटगन नदी में डूबे 13 युवकों में से अब तक 6 के शव बरामद

आगरा के खेरागढ़ स्थित ऊटंगन नदी में डूबे 13 युवकों में से 6 युवकों के शव बरामद हो चुके हैं। 78 घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद रविवार शाम को एक और युवक का शव नदी से निकाला जा सका। इस युवक की पहचान करन के रूप में की गई है। युवकों की तलाश में पिछले 78 घंटे से सर्च ऑपरेशन चल रहा था। 250 मीटर के क्षेत्र में नदी के पानी का बहाव रोकने के लिए क्षेत्रीय युवकों ने दिन-रात एक कर 40 मीटर लंबा अस्थायी बांध बना दिया है। काम अभी जारी है। देर शाम मिला शव 2 अक्टूबर को घटना के बाद 2 युवकों के शव निकाले गए थे। एक युवक को बचा लिया गया था। 3 अक्टूबर को 3 युवकों के शव नदी से निकाले गए। एक युवक का शव रविवार देर शाम को मिला। पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें लगातार युवकों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रही थीं। नदी में युवकों की तलाश जारी
ऊटंगन नदी में रविवार को चौथे दिन भी युवकों की तलाश में अभियान जारी रहा, लेकिन खेरागढ़ के गांव कुसियापुर के लापता सातों युवकों में से किसी का पता नहीं चला। सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन दल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ के साथ स्थानीय लोग भी नदी में उतरकर युवकों की तलाश कर रहे हैं। नदी धारा को मोड़ा
नदी की धारा को डूब क्षेत्र के बीच से नाला बनाकर दूसरी ओर मोड़ा गया है। पोकलेन और JCB से खुदाई जारी है। स्थानीय लोग बोरियों में मिट्‌टी भर-भरकर अस्थायी बांध बना रहे हैं। 6 युवकों की तलाश में सैकड़ों युवा मदद में जुटे हैं। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार नदी में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।
हजारों लोग टक-टकी लगाए नदी की ओर देख रहे हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी नदी किनारे कैंप हुए हैं। सर्च ऑपरेशन पर लगातार नजर रखे हुए हैं। इनकी मदद से चल रहा सर्च ऑपरेशन… भरतपुर जिले में उटंगन नदी में पानी का बहाव रोक दिया गया है। आगरा जिले की सीमा में घुसियाना गांव पर जेसीबी मशीनें लगाकर मिट्टी से भरे कट्टों के सहारे पानी रोका जा रहा है। फजीहतपुर और निमैना चेकडेम के पट भी बंद कर दिए गए हैं। नदी की धारा को डूब क्षेत्र के बीच से नाला बनाकर दूसरी तरफ मोड़ा गया है। 250 मीटर क्षेत्र में नदी का पानी कम करने के लिए अस्थायी बांध बनाया जा गया है और नाले के जरिये पानी को निकाला जा रहा है। उधर, अपनों के इंतजार में परिवार के लोगों की आंखें पथरा गई हैं। घटनास्थल पर हजारों लोग डेरा डाले हुए हैं। 2 अक्टूबर को गांव कुसियापुर के 13 लोग ऊटंगन नदी में मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान डूब गए थे। एक युवक विष्णु को बचा लिया गया था, जबकि दो दिन में पांच युवकों गगन, ओमपाल, मनोज, भगवती अभिषेक और करन के शव निकाल लिए गए। 6 युवक सचिन, हरेश, वीनेश, गजेंद्र, दीपक और ओकेश की अब भी लापता हैं। परिजन नदी किनारे डाले हुए हैं डेरा
नदी में जिन 7 युवकों की तलाश की जा रही है, उनके परिजन नदी किनारे डेरा डाले हुए हैं। उनके साथ सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद हैं। परिजन एकटक नदी की ओर निहार रहे हैं। घटना के बाद से वे घर नहीं गए।

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