75 साल पुरानी रामलीला में राम वनवास का मार्मिक मंचन:लखनऊ के वेजिटेबल ग्राउंड में दर्शकों की आंखों में आए आंसू, कलाकारों ने जीवंत किया पौराणिक प्रसंग
लखनऊ के आलमबाग स्थित वेजिटेबल ग्राउंड में रेलवे रामलीला दशहरा कमेटी ने अपने 75वें वार्षिकोत्सव पर रामलीला का भव्य आयोजन किया। इस वर्ष राम बनवास का प्रसंग विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया। मंचन की शुरुआत मंथरा-कैकई और दशरथ-कैकई के संवादों से हुई। सत्यम यादव ने राम, हर्षित सोनकर ने लक्ष्मण और विनायक वर्मा ने सीता की भूमिका निभाई। जसवंत सिंह माटा ने दशरथ, जगजीत सिंह ‘जुली’ ने कैकई, बादल वर्मा ने कौशल्या और अरविंद कुमार ने मंथरा का किरदार निभाया। कलाकारों के उत्कृष्ट अभिनय ने पौराणिक प्रसंग को जीवंत किया कथानक में दिखाया गया कि जनकपुरी से विवाह के बाद राम-सीता की अयोध्या वापसी होती है। राजा दशरथ राम के राज्याभिषेक की तैयारी कर रहे हैं। मंथरा कैकई को भड़काती है। कैकई दशरथ से दो वरदान मांगती हैं – भरत को राजगद्दी और राम को चौदह वर्ष का वनवास। राजा दशरथ कैकई की मांग स्वीकार करते हैं। राम माता कौशल्या से विदाई लेते हैं। उनके भावुक संवाद से दर्शकों की आंखें नम हो गईं। राम, सीता और लक्ष्मण वन की ओर प्रस्थान करते हैं। पुत्र वियोग में राजा दशरथ प्राण त्याग देते हैं। कलाकारों के उत्कृष्ट अभिनय ने पौराणिक प्रसंग को जीवंत कर दिया।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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