7.5 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे भी भवन नक्शे मिलेंगे:एलडीए में प्रक्रिया हुई सरल, आर्किटेक्ट खुद करेंगे सड़क का सत्यापन

लखनऊ में अब 7.5 मीटर चौड़ी शासकीय सड़क किनारे के लिए भी भवन मानचित्र (नक्शे) स्वीकृत किए जाएंगे। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को सरल करते हुए यह व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अब आर्किटेक्ट स्वयं यह सत्यापित कर सकेंगे कि संबंधित सड़क किसी शासकीय विभाग द्वारा निर्मित है। इसके लिए अब अलग से प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने शुक्रवार को आर्किटेक्ट्स के साथ बैठक कर इस नई व्यवस्था की जानकारी दी। बैठक में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, मुख्य नगर नियोजक के.के. गौतम सहित अन्य अधिकारी एवं अभियंता भी मौजूद रहे। एलडीए की योजनाओं में नहीं मांगा जाएगा साइट प्लान उपाध्यक्ष ने बताया कि पहले 7.5 मीटर चौड़ी शासकीय सड़कों पर भवन मानचित्र पास कराने के लिए आवेदक को संबंधित विभाग से प्रमाण-पत्र लाना पड़ता था, जिससे प्रक्रिया में देरी होती थी। अब आर्किटेक्ट स्वयं यह सत्यापित करेंगे कि सड़क शासकीय है और एलडीए उसी आधार पर नक्शा स्वीकृत करेगा। बैठक में आर्किटेक्ट्स ने सुझाव दिया कि एलडीए की अपनी योजनाओं में नक्शा स्वीकृति के दौरान साइट प्लान मांगा जाता है, जबकि यह रिकॉर्ड पहले से प्राधिकरण के पास मौजूद होता है। इस पर उपाध्यक्ष ने निर्देश दिए कि अब से एलडीए की योजनाओं में आवेदक से साइट प्लान नहीं मांगा जाएगा। यह कार्य एलडीए का मानचित्र अनुभाग करेगा। मैकेनाइज्ड पार्किंग पर भी मिलेगी कंपाउंडिंग की सुविधा पूर्व से निर्मित भवनों में यदि पार्किंग की जगह कम है तो अब मैकेनाइज्ड या ऑटोमेटेड पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर शमन मानचित्र (कंपाउंडिंग) स्वीकृत किया जाएगा। समीक्षा में यह भी पाया गया कि कुछ आर्किटेक्ट आवश्यक शपथ-पत्र संलग्न नहीं कर रहे हैं या एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) की गणना में त्रुटि कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ आर्किटेक्ट आपत्ति लगने के बाद भी वही त्रुटियां दोहराते हुए मानचित्र फिर जमा कर रहे हैं, जिससे प्रक्रिया अनावश्यक रूप से लंबित हो रही है। इस पर उपाध्यक्ष ने निर्देश दिए कि यदि किसी मानचित्र में तीन बार आपत्ति के बावजूद भी सुधार नहीं किया गया, तो आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर