5 ठेकेदारों पर FIR दर्ज करने का आदेश:सोनभद्र में मारपीट, सामान क्षतिग्रस्त करने के आरोप में कोर्ट ने दिया निर्देश
ओबरा तापीय परियोजना में काम खत्म होने के बाद सामान ले जा रहे ट्रक चालकों से मारपीट, सामान क्षतिग्रस्त करने और जान से मारने की धमकी देने के मामले में कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश 5 नामजद ठेकेदारों और 10-12 अज्ञात लोगों के विरुद्ध जारी किया गया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज सीनियर डिवीजन एफटीसी राहुल की अदालत ने ओबरा थानाध्यक्ष को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर नियमानुसार विवेचना करने या करवाने का निर्देश दिया है। यह आदेश इंडवेल कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. के साइट इंचार्ज वीरा वेंकटा ज्ञानेश्वर पुत्र मुथैला रॉय की ओर से अधिवक्ता पवन कुमार मिश्र के माध्यम से कोर्ट में दाखिल धारा 173(4) बीएनएसएस के प्रार्थना पत्र पर हुआ है। ज्ञानेश्वर लक्ष्मी नरसिम्हा नगर, जिला ईस्ट गोदावरी, आंध्र प्रदेश के निवासी हैं और वर्तमान में ओबरा थर्मल पावर प्लांट सी, ओबरा, सोनभद्र में कार्यरत हैं। प्रार्थना पत्र में साइट इंचार्ज ने बताया है कि उन्होंने ओबरा थर्मल पावर प्लांट सी के निर्माता दुशान पावर सिस्टम इंडिया प्रा. लि. के साथ संविदा पर कार्य किया था। कार्य समाप्त होने के बाद, इंडियन काउंसिल ऑफ आर्बिट्रेशन के 28 जुलाई 2025 के आदेश पर उन्होंने 30 जुलाई 2025 को परियोजना से गेट पास प्राप्त किया और अपना सामान ट्रकों से ले जा रहे थे। आरोप है कि अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मिलने के बावजूद ठेकेदारों काशीनाथ प्रसाद, आरपी तिवारी, राजू पांडेय, महफूज अहमद और राजू यादव सहित 10-12 अन्य लोगों ने ट्रक चालकों को गेट से बाहर निकलते ही रोका। उन्होंने चालकों से मारपीट की, चाबियां छीन लीं, ट्रकों की हवा निकाल दी, सामान क्षतिग्रस्त किया और जान से मारने की धमकी दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस संबंध में ओबरा थाने, 112 पुलिस और एसपी सोनभद्र से शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अदालत ने अधिवक्ता पवन कुमार मिश्र के तर्कों को सुनने और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद इसे संज्ञेय अपराध मानते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
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