450 साल पुराना सिद्धपीठ काली माता का मंदिर, VIDEO:श्मशान काली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, रहस्यमयी मान्यताओं के लिए भी मशहूर

सदर काली माता मंदिर : 450 साल पुराना सिद्धपीठ, जहां अमावस्या की रात पायलों की गूंज सुनाई देने का दावा सदर बाजार का काली माता मंदिर नवरात्र में आस्था का बड़ा केंद्र है। यह मंदिर सिर्फ पूजा-अर्चना के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी रहस्यमयी मान्यताओं और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण भी चर्चा में रहता है। माना जाता है कि करीब 450 साल पहले बने इस सिद्धपीठ में आज भी कई चमत्कारी घटनाओं का अनुभव भक्तों को होता है। 450 साल पुराना होने का दावा मंदिर को लेकर कहा जाता है कि इसकी स्थापना लगभग 450 वर्ष पूर्व हुई थी। हालांकि इस दावे का पुरातात्विक प्रमाण अब तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसे एक प्राचीन धार्मिक स्थल माना जाता है। श्मशान भूमि पर बना सिद्धपीठ कई भक्तों और स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह मंदिर जिस जगह बना है वहां कभी श्मशान भूमि हुआ करती थी। इसी कारण इस मंदिर को “श्मशान काली मंदिर” भी कहा जाता है। मान्यता है कि यहां साधना करने वाले संतों की तपस्या से यह जगह सिद्धपीठ बनी। ढाका से आई थी मां की मूर्ति मूर्ति को लेकर भी दिलचस्प लोककथा प्रचलित है। कहा जाता है कि काली माता की मूर्ति बांग्लादेश (तब का ढाका) से लाई गई थी और इसे मेरठ तक पहुंचाने में करीब ढाई वर्ष लगे। यह दावा भक्तों और पुजारियों की परंपरागत मान्यताओं में मिलता है। खोपड़ियों (मुंड) की मान्यता मां काली की मूर्ति पर लगे मुंड को लेकर भी श्रद्धालुओं के बीच चर्चा रहती है। कहा जाता है कि ये वास्तविक खोपड़ियां हैं — जिनमें शेर, सियार, भेड़िये और इंसान की खोपड़ियां शामिल हैं। यह मान्यता लोकश्रुति का हिस्सा है। अमावस्या पर पायलों की आवाज़ मंदिर से जुड़ा सबसे चर्चित दावा है कि अमावस्या की रातों में मंदिर प्रांगण में पायलों की आवाज गूंजती है। मंदिर से जुड़े पुजारी संकेत बनर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि कई बार उन्हें और भक्तों को यह अनुभव हुआ है। हालांकि इस दावे की पुष्टि वैज्ञानिक तौर पर नहीं की जा सकी है। सदर काली माता मंदिर आज भी आस्था का बड़ा केंद्र है। नवरात्र में मंदिर परिसर और आस-पास का इलाका पूरी तरह भक्तिमय माहौल में बदल जाता है। भक्तों का मानना है कि सच्चे मन से मांगी गई मुरादें यहां पूरी होती हैं। वहीं, मंदिर की प्राचीनता, श्मशान भूमि से जुड़ी मान्यताएं और अमावस्या की रात की रहस्यमयी कथाएँ इसे और भी अद्भुत बना देती हैं।

Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/eyF36Vt