26/11 हमले पर प्रमोद तिवारी ने बीजेपी को घेरा:बोले- इमरान मसूद को रोका, गायत्री प्रजापति पर जेल में हमला कराया

अगर कोई जनप्रतिनिधि बिना प्रदर्शन के केवल अधिकारियों से मिलने जाए और उसे रोका जाए, तो यह लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। यह बयान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रयागराज में दिया। उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारों पर एक साथ कई मुद्दों पर निशाना साधते हुए इमरान मसूद को मिलने से रोकने की निंदा की। साथ ही लखनऊ जेल में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर हुए जानलेवा हमले, रसोई गैस की बढ़ती कीमतों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘संघ का भाव राष्ट्र प्रथम’ वाले बयान पर भी उन्होंने सरकार को आड़े हाथ लिया। जेल में हमला, फिर भी सरकार चुप तिवारी ने लखनऊ जेल में सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर हुए जानलेवा हमले को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, जेल को सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है, लेकिन जब वहीं हमला हो जाए तो सोचिए सड़क, घर और दफ्तर कितने असुरक्षित होंगे। प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है। तिवारी ने यह भी जोड़ा कि उन्हें कानूनी कार्रवाई से ऐतराज नहीं है, लेकिन जेल में हमले जैसी घटनाएं सीधे तौर पर व्यवस्था की नाकामी को दिखाती हैं। 26/11 पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश पर पलटवार मुंबई 26/11 हमले को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद की प्रतिक्रिया पर भी तिवारी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, बीजेपी को बातों को तोड़-मरोड़ने में महारत हासिल है। 26/11 के बाद कांग्रेस ने गृहमंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को हटा दिया था। क्या बीजेपी में इतनी हिम्मत है कि गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा मांग सके? मोदी के ‘राष्ट्र प्रथम’ बयान पर चुटकी पीएम मोदी द्वारा दिए गए “संघ का भाव राष्ट्र प्रथम” वाले बयान पर तिवारी ने तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा, असल में मोदी जी के लिए ‘स्वयं प्रथम और राष्ट्र दूसरे नंबर पर’ है। तिवारी ने याद दिलाया कि आरएसएस ने 75 साल की उम्र के बाद राजनीति से अलग होने की बात कही थी। इसी आधार पर आडवाणी, जोशी और कलराज मिश्र को दरकिनार किया गया, लेकिन मोदी खुद 75 पार होकर भी सक्रिय हैं। रसोई गैस के दाम बढ़े, तिवारी बोले- ये है ‘मोदी मॉडल’ तिवारी ने रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भी केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “ये वही ‘मोदी मॉडल’ है, जिसमें महंगाई की मार गरीब और मध्यम वर्ग झेले और फायदा उद्योगपतियों को मिले।

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