11 महीने बाद एग्जाम, 58% ने छोड़ी परीक्षा:PCS-प्री एग्जाम को लेकर प्रतियोगी छात्रों में नहीं दिखी रूचि

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की PCS प्री एग्जाम 11 महीने बाद 12 अक्टूबर को हुई, लेकिन प्रतियोगी छात्रों में इस एग्जाम को लेकर कुछ खास रूचि नहीं दिखी। इस बात की पुष्टि आयोग के उन आंकड़ों से होती है जिसमें यह पता चलता है कि 42.50% परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं, बाकी करीब 58% अनुपस्थित। इस परीक्षा में कुल 6,26387 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था लेकिन इसमें महज 42.50 प्रतिशत परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए यानी कुल 2,66214 परीक्षार्थी परीक्षा में उपस्थित रहे और 3,60173 परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने के लिए पहुंचे ही नहीं। कम पद, ज्यादा आवेदन.. यही रहा प्रमुख कारण दरअसल, 12 अक्टूबर को हुई परीक्षा के लिए 6,26387 दावेदार थे जबकि यह परीक्षा महज 210 पदों के लिए होनी थी। इतनी कम सीट पर इतने ज्यादा दावेदार हो गए कि तमाम अभ्यर्थी पहले ही खुद को इस एग्जाम को इग्नोर कर दिए। प्रयागराज के विशाल बताते हैं कि आवेदन तो हमने कर दिया था लेकिन आवेदन करने वालोां की संख्या इतनी ज्यादा थी कि इसमें सफल होना मुश्किल लगने लगा था। इसलिए इस परीक्षा को देने नहीं गया। दूसरी अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहा हूं। इस तरह से रहा पेपर का प्रारूप मध्यमिक और आधुनिक इतिहास के प्रश्न अधिक पूछे गए, प्राचीन इतिहास एवं कला से प्रश्न नहीं आए इस बार। उत्तर प्रदेश विशेष के प्रश्नों की संख्या आयोग ने सीधे पूछे। स्टैटिक इकॉनमी के प्रश्न ज्यादा थे इस बार, करेंट इकॉनमी जैसे बजट से प्रश्न नहीं पूछे गए।​​​​​​​ करेंट अफेयर्स के अंदर पुरस्कार से काफ़ी प्रश्न देखने को मिले। आसान से कठिन स्तर का था पेपर परीक्षार्थियों ने बातचीत के दौरान बताया कि पेपर “ईजी टू मॉडरेट” यानी आसान से कठिन स्तर का था.कई छात्रों ने बताया कि इस बार के प्रश्नपत्र का स्तर ऐसा था कि जिन्होंने भी करेंट अफेयर्स और हिस्ट्री पर अच्छी तैयारी की होगी उनका चयन लगभग तय है. समसामयिकी सेक्शन में पुरस्कार से ख़ूब प्रश्न पूछे गए, जिसमें ज्ञानपीठ, पुलित्जर,और साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से संबंधित प्रश्न देखने को मिले. वही अभ्यर्थियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश विशेष के प्रश्न भी इस बार आयोग ने सीधे पूछे हैं जबकि पहले इस सेक्शन से प्रश्न कम आते थे।

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