हे मां की एक दवा सबस्टैंडर्ड, रिपोर्ट में खुलासा:आगरा में नकली दवा कारोबार पर हुई थी कार्यवाही, भेजे गए थे 24 सैंपल
आगरा में नकली दवा कारोबार की जांच में एक सैंपल की रिपोर्ट आ गई है। हे मां मेडिको से ली गई एंटीबायोटिक दवा की रिपोर्ट में दवा घटिया पाई गई है। यह दवा नामी कंपनी सनफार्मा के नाम से बाजार में बेची जा रही थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार, दवा में आवश्यक तत्वों की कमी पाई गई है, जिससे इसका असर देर से होता है और दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। 24 सैंपल भेजे गए थे जांच के लिए सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि 22 अगस्त को औषधि विभाग ने हे मां मेडिको, बंसल मेडिकल एजेंसी, एमएसवी मेडिप्वाइंट, ताज मेडिको और राधे मेडिको से कुल 24 दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इनमें से हे मां मेडिको के 14 सैंपल थे। लगभग डेढ़ महीने बाद सिर्फ एक दवा मॉक्स सीवी-625 एमजी की रिपोर्ट आई है, जो अधोमानक (सबस्टैंडर्ड) पाई गई है। 23 सैंपल की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। 71 करोड़ की नकली दवाएं हुई थीं सीज
औषधि विभाग ने 22 अगस्त से 10 दिन तक चली कार्रवाई में पांचों फर्मों के गोदामों से करीब 71 करोड़ रुपये की दवाएं सीज की थीं। इन दवाओं को नामी कंपनियों के नाम पर नकली तरीके से बाजार में उतारा जा रहा था। जांच में यह भी सामने आया कि इन फर्मों का नेटवर्क लखनऊ, बरेली, मुजफ्फरनगर, पुडुचेरी और अलीगढ़ तक फैला हुआ है। हे मां मेडिको का मालिक हिमांशु अग्रवाल पहले ही एक करोड़ की रिश्वत देने के मामले में जेल में बंद है। क्या मतलब है अधोमानक का
औषधि विभाग के नियमों के अनुसार भले ही दवा ‘अधोमानक’ निकली हो, लेकिन कानूनी रूप से इसे ‘नकली दवा’ की श्रेणी में रखा जाएगा। यह सीधे तौर पर BNS और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम (Drugs and Cosmetics Act) की गंभीर धाराओं के तहत आपराधिक मामले के तहत आता है। नामी कंपनियां अपनी दवाओं पर क्लीनिकल ट्रायल और फॉर्मुलेशन टेस्टिंग करती हैं, जबकि नकली कंपनियां ऐसा नहीं करतीं। इस कारण, घटिया गुणवत्ता वाली दवा को भी नकली श्रेणी में दर्ज कर मामला दर्ज किया जाएगा।
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