हिसाब से रहो साहब…हम सब्र में हैं, कब्र में नहीं:गोरखपुर में लगा विवादित बैनर; स्थानीय लोगों ने कहा- उकसावे वाली लाइनें
कानपुर से शुरू हुआ पोस्टर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है, अब सीएम योगी के क्षेत्र गोरखपुर में लगा एक बैनर चर्चा का विषय बना हुआ है। गोरखपुर में लगे इस पोस्टर पर बीच में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा गया है, जबकि उसके ठीक दाहिनी ओर ‘हिसाब से रहो साहब, हम सब्र में हैं, कब्र में नहीं’ लिखा हुआ है। इसका वीडियो भी सामने आया । मंगलवार को जब यह बैनर नजर में आया तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची। बैनर को फिलहाल उतार लिया गया है। इस मामले में कुछ लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। यह बैनर गोरखपुर के चिलुआताल थानाक्षेत्र के घोसीपुरवा मोहल्ले की एक दुकान के ऊपर लगा है। अब जानिए पूरा मामला
गोरखपुर के चिलुआताल थानाक्षेत्र के घोसीपुरवा मोहल्ले में दुकान के शटर के ठीक ऊपर ये बैनर लगाया गया है। बैनर पर बीच में लिखा है ‘आई लव मोहम्मद’। उसके ठीक दाहिनी ओर लिखा गया है ‘हिसाब में रहो साहब, हम सब्र में हैं कब्र में नहीं’। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। बैनर किसकी दुकान के ऊपर और किसने लगाया गया है, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। कुछ लोग जब बैनर का वीडियो बना रहे थे तो स्थानीय युवाओं ने विरोध भी किया। हालांकि मामला चर्चित होने की संभावना देखते हुए कुछ देर बाद बैनर हटा लिया गया। दुकान के ऊपर लगा बैनर
बैनर लगाने वाले किसी भी शख्स का पता नहीं चला है। आसपास के लोगों की मानें तो पिछले कुछ दिनों से वहां बैनर लगा था। कुछ लोगों ने इसकी तस्वीर लेकर इधर-उधर शेयर करना भी शुरू किया था। सोमवार को यह मामला चर्चा में आ गया। पुलिस के पास भी इसकी जानकारी पहुंच गई। उसके बाद दुकान से बैनर उतरवा लिया गया। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया- बैनर पर लिखी बातें धमकी भरी प्रतीत हो रही थीं। यह उकसावे वाली लाइनें थीं। फिलहाल शांत है मामला
बैनर की बात चर्चा में आने के बाद पुलिस भी सक्रिय हो गई। मौके पर पुलिस पहुंची। वहां बैनर उतरवा लिया गया था। वहां पर फिलहाल शांति है। हालांकि इस मामले में बैनर लगाने वालों की तलाश चल रही है। किसने इस तरह के बैनर टांगे, इसपर पुलिस काम कर रही है। बताया जा रहा है कि इस तरह के कुछ और बैनर लगे थे। इस समय वहां कोई बैनर नजर नहीं आ रहा। पुलिस के अधिकारियों की ओर से कुछ लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। अब जानिए आई लव मोहम्मद विवाद के बारे में… कानपुर के रावतपुर के सैय्यदनगर में 4 सितंबर को बारावफात पर चल रहे रोशनी के कार्यक्रम में ‘आई लव मोहम्मद’ का साइन बोर्ड लगाया गया। 5 सितंबर को इलाके में रहने वाले हिंदू संगठन के लोगों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था- ‘आई लव मोहम्मद’ का साइन बोर्ड पहले कभी भी नहीं लगाया गया। यह नई परंपरा है। इसे बंद होना चाहिए। इसको लेकर हिंदू-मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग आमने-सामने आ गए। इसके बाद पोस्टर और बैनर फाड़े गए। दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी हुई। पुलिस ने 2 घंटे की मशक्कत से हालात को संभाला। 10 सितंबर को रावतपुर थाने में तैनात दरोगा पंकज शर्मा की तहरीर पर 12 नामजद समेत 25 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। FIR दर्ज होने की खबर तेजी से फैल गई। शारदानगर में 19 सितंबर की दोपहर मुस्लिम समुदाय के गुस्साए लोगों ने FIR को वापस लेने की मांग करते हुए जुलूस निकाला। लोगों ने इस दौरान शासन के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों का कहना था कि क्या अब अपने पैगंबर का नाम लिखना भी गलत हो गया? ये FIR गलत हुई है। पुलिस को इसे वापस लेना चाहिए। कोई बेगुनाह अगर जेल भेजा गया, तो आंदोलन होगा। ———————– ये खबर भी पढ़ें…. ‘I Love मोहम्मद’ लिखने पर सियासत:ओवैसी बोले- ये जुर्म नहीं…मुझे हर सजा मंजूर, कानपुर में FIR, लखनऊ, बरेली में प्रदर्शन कानपुर में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखने पर 5 सितंबर को 25 लोगों के खिलाफ FIR हुई। इसके 10 दिन बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने X पर लिखा- अगर आई लव मोहम्मद…लिखना जुर्म नहीं है। अगर है, तो इसकी हर सजा मंजूर है। पढ़ें पूरी खबर…
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