हापुड़ में तीन सहायक आयुक्त निलंबित:21 करोड़ के घोटाला, फर्जी फर्मों के पंजीकरण पर हुई कार्रवाई
हापुड़ में राज्य के जीएसटी विभाग में 21 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य कर विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से तीन सहायक आयुक्तों को निलंबित कर दिया है। इसमें गोरखपुर जिले का भी मामला शामिल है। जांच में सामने आया कि हापुड़ में तैनात दो अधिकारियों की लापरवाही के कारण बोगस फर्में फल-फूल रही थीं। इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। निलंबित अधिकारियों में हापुड़ के जितेंद्र कुमार और अभय कुमार पटेल (वर्तमान में प्रयागराज में तैनात) के साथ गोरखपुर के अजय कुमार भी शामिल हैं। उपायुक्त लालचंद के खिलाफ भी अनुशासनात्मक जांच शुरू की गई है। फर्जी पंजीकरण और आईटीसी ट्रांसफर मामला हापुड़ के कोतवाली नगर थाना क्षेत्र में 12 जुलाई 2024 को दर्ज एफआईआर से जुड़ा है। आरोपी उमेरुल निशा ने 2 मई 2023 को गढ़मुक्तेश्वर के स्याना चौपला में ‘निशा इंटरप्राइजेज’ नामक फर्जी फर्म का जीएसटी पंजीकरण कराया। इसके लिए उसने अपने आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल किया। 27 जुलाई 2024 को मोबाइल ऐप जांच में फर्म संदिग्ध पाई गई और 12 जुलाई 2024 को स्थलीय सत्यापन में इसका अस्तित्वहीन होना साबित हुआ। सरकारी खजाने को 19.5 करोड़ का नुकसान फर्म के अस्तित्वहीन पाए जाने के बाद पंजीकरण निरस्तीकरण का नोटिस जारी किया गया और 5.37 करोड़ रुपये की आईटीसी ब्लॉक कर दी गई। बावजूद इसके, उमेरुल निशा ने बिना किसी वास्तविक खरीद-बिक्री के वित्तीय वर्ष 2023-24 में 15.08 करोड़ और 2024-25 में 5 करोड़ रुपये की आईटीसी अपने खाते में ट्रांसफर कर ली। कुल नुकसान सरकारी खजाने को 19.5 करोड़ रुपये का हुआ। सहायक आयुक्तों की लापरवाही और आरोप विभागीय जांच में सामने आया कि सहायक आयुक्तों ने पंजीकरण प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती। इससे फर्जी फर्मों को लाभ मिला। अधिकारियों पर फर्जीवाड़े में सांठगांठ के भी आरोप लगे हैं। इस कार्रवाई के बाद जीएसटी विभाग में हड़कंप मच गया है।
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