‘हमें अपनी संस्कृति फॉलो करके बढ़ना होगा आगे, वेस्टर्न नहीं’:राज्यपाल के बयान से सहमत दिखीं विद्यापीठ की गोल्ड मेडलिस्ट, बोलीं- लिवइन नहीं एजुकेशन चुने

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 47वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने लिवइन रिलेशनशिप पर जमकर हमला किया। उन्होंने इसे गलत बताया और छात्राओं से ऐसा न करने की सलाह दी। उन्होंने इसके साइड इफेक्ट भी गिनाए और कहा की ऐसे लोग महिलाओं को आम की तरह यूज करते हैं। आम की तरह चूसकर गूदा खा जाते हैं और गुठली छोड़कर भाग जाते हैं।

राज्यपाल के इस बयान से पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था। ऐसे में इस विषय पर विद्यापीठ के गोल्ड मेडलिस्ट भी सहमत दिखाई दिए। छात्राओं ने लिवइन को गलत बताया और इसे अत्याचार और शोषण की तरफ बढ़ने का रास्ता कहा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति से सीखने और उसके साथ ही आगे बढ़ने का कार्य करना चहिये। वेस्टर्न सभ्यता के पीछे भागकर हम अपनी संस्कृति को भूल रहे हैं। जो की कहीं से भी सही नहीं हैं। वहीं एक छात्रा ने कहा कि हम इससे अत्याचार को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में दैनिक भास्कर ने विद्यापीठ की गोल्ड मेडलिस्ट छात्राओं और छात्रों से इस विषय पर बात की और उनकी राय जानी। साथ ही उनके लक्ष्य के बारे में जाना। पढ़िए रिपोर्ट… भारतीय संस्कृति को करना होगा फॉलो
वाराणसी की रहने वाली प्रशंसा राय को पॉलिटिकल साइंस में गोल्ड मेडल मिला है। वो कैंपस स्टूडेंट हैं। प्रशंसा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अपने गुरुजनों को दिया। उन्होंने कहा शिक्षक बनकर समाज सुधारने का काम करना मेरा लक्ष्य है। साथ ही राज्यपाल के लिवइन रिलेशनशिप के बयान पर कहा – हमारा देश वेस्ट को कॉपी करके आगे बढ़ रहा है। जबकि सब देश अपनी संस्कृति के अनुरूप आगे बढ़ रहे हैं और सक्सेज पा रहे हैं। तो हमें भी ऐसा ही करना चाहिए। हमें अपनी संस्कृति को फॉलो करके आगे बढ़ना चाहिए और मै पूरी तरह से उनसे सहमत हूं। मिलता है हत्या और तिरस्कार, छोड़ना होगा ये रास्ता
बीएड में गोल्ड मेडल पाने वाली फिरदौस खान ने अपनी सफलता का श्रेय पेरेंट्स और गुरुजनों को दिया। उन्होंने अपने लक्ष्य के बारे में नहीं बताया- बोलीं जब लक्ष्य पूरा कर लूंगी तो सबको बता दूंगी। राज्यपाल की बातों से सहमत दिखीं फिरदौस ने कहा – राज्यपाल ने बिल्कुल सही कहा लड़कियों को अपनी सोच बदलनी होगी और इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा। आप एजुकेशन को चुने नाकि लिव इन रिलेशनशिप को चुने। क्योंकि आज कल समाज सिर्फ शोषण ही हो रहा है। जहां देखिये वहां हत्या और तिरस्कार है तो हमें छोड़ना होगा यह रास्ता। राज्यपाल को है हमारी चिंता
मनोविज्ञान में गोल्ड मेडल पाने वाली जाह्नवी गुप्ता ने भी परिजनों और गुरुजनों को सफलता का श्रेय दिया। उन्होंने कहा इसके अलावा मेरी मेहनत का नतीजा है ये गोल्ड मेडल। जाह्नवी ने कहा वो शिक्षिका बनना चाहती हैं। राज्यपाल के लिवइन बयान पर जाह्नवी ने कहा राज्यपाल इतना सोचती हैं हमारे बारे में, और उन्होंने इतना बड़ा मुद्दा इस मंच पर उठाया तो कहीं न कहीं उन्हें हमारी चिंता है। हम सब उनकी बातों से सहमत हैं। देश को बदलना होगा, लड़कियों को सोचना होगा
साक्षी सिंह को एमए राजनीति शास्त्र में गोल्ड मेडल मिला है। साक्षी ने कहा मेरे माता पिता की कोशिशों से आज मै यहां खड़ी हूं। मेरा लक्ष्य देश की सेवा करने का है। जिसके लिए मै यूपीएससी की तैयारी कर रही हूं। ताकि आईएएस ऑफिसर बनाकर देश की सेवा कर सकूं। राज्यपाल के कथन पर उन्होंने कहा – लिवइन रिलेशनशिप के साइड इफेक्ट ही हैं। महिलाओं को अत्याचार सहना पड़ता है। 100 में से 95 महिलाएं लिवइन में धोखा खाती हैं। ऐसे में यह रास्ता छोड़ना होगा। पुरुषों ने भी दी सहमति
चंदौली के रहने वाले विनायक सिंह को समाज कार्य में गोल्ड मेडल मिला है। पिता ओमप्रकाश सिंह और माता पूनम सिंह को श्रेय देते हुए उन्होंने कहा मै चंदौली से हूं तो वहां के ग्रामीण इलाके नौगड़ आदि में नशामुक्ति को लेकर काम करना चाहता हूं। यही मेरा लक्ष्य है। वहीं राज्यपाल के लिवइन रिलेशनशिप के बयान पर उन्होंने कहा मै पूरी तरह से सहमत हूं। आज का जो समाज हमारा संचार माध्यम के द्वारा पाश्चात्य सभ्यता को अपना रहा है। लेकिन ये सभ्यता हमारी आने वाली जेनरेशन के लिए गलत है।

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