हनुमंत अस्पताल का लाइसेंस नहीं हुआ रिन्यू:छह माह से भर्ती हो रहे मरीज, ऑपरेशन जारी; एक मौत के बाद भी कार्रवाई नहीं
सुल्तानपुर के गभड़िया क्षेत्र में स्थित हनुमंत अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल का लाइसेंस नवीनीकृत नहीं किया गया है, इसके बावजूद पिछले छह माह से यहां मरीज भर्ती किए जा रहे हैं और ऑपरेशन भी हो रहे हैं। यह स्थिति अस्पताल के संचालन पर गंभीर सवाल खड़े करती है, खासकर एक मरीज की कथित लापरवाही से हुई मौत के बाद। अस्पताल का लाइसेंस 30 अप्रैल तक वैध था। नियमानुसार, नवीनीकरण के लिए एक माह पूर्व आवेदन किया जाना था, और मार्च में आवेदन किया भी गया था, जो प्रक्रिया में था। 13 मई को आयुष्मान कोटे के तहत कुड़वार थाना अंतर्गत महाराजगंज निवासी शिवकुमारी देवी की पथरी के ऑपरेशन के बाद इलाज में लापरवाही से मौत हो गई थी। इस मामले में एसपी के आदेश पर कोतवाली नगर में अस्पताल के मालिक डॉ. डीबी सिंह, उनकी पत्नी डॉ. मानसी तोमर समेत अन्य डॉक्टरों व स्टाफ पर केस दर्ज किया गया। सीएमओ डॉ. भरत भूषण ने तीन स्वास्थ्य अधिकारियों की जांच टीम गठित की, जिसने अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही की पुष्टि की। जांच में लापरवाही की पुष्टि होने के बावजूद, अस्पताल का लाइसेंस न तो रद्द किया गया और न ही अस्पताल को सील किया गया। इसे केवल आयुष्मान सूची से हटा दिया गया। लाइसेंस नवीनीकरण न होने का कारण यह बताया जा रहा है कि मृतका के बेटे अमरीश अग्रहरि ने सत्र न्यायालय में केस की मॉनिटरिंग अर्जी दाखिल कर दी है, जिससे स्वास्थ्य अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में सीएमओ डॉ. भरत भूषण ने बताया कि मामला कोर्ट में होने के कारण लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अस्पताल के संचालित होने की जानकारी नहीं है और इसकी जांच कराई जाएगी। यह घटना बिना वैध लाइसेंस के अस्पताल में ऑपरेशन किए जाने के गंभीर मुद्दे को उजागर करती है।
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