हत्या के दोषी पिता-पुत्र सहित तीन को आजीवन कारावास:फिरोजाबाद में 276 साल बाद फैसला, मंत्री के घर से लौटते समय हुई थी फायरिंग

फिरोजाबाद: शिकोहाबाद में 27 साल पुराने एक युवक की हत्या के मामले में न्यायालय ने गुरुवार को तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें एक पिता और उसका पुत्र शामिल हैं। यह घटना 11 जून 1998 को हुई थी। मृतक ब्रह्मप्रकाश अपने पिता मेहताब सिंह के साथ तत्कालीन पर्यटन राज्यमंत्री अशोक यादव से मिलकर लौट रहे थे। रास्ते में निजामपुर गड़ूमा गांव के पास रामनरेश, उसके बेटे रिंकू और ज्ञानेश सहित अन्य लोगों ने उन्हें घेरकर फायरिंग शुरू कर दी थी। गोली लगने से ब्रह्मप्रकाश की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। सबूतों के आधार पर जज ने सुनाया फैसला ब्रह्मप्रकाश के पिता मेहताब सिंह ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। विवेचक ने जांच के बाद कुल नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश कोर्ट संख्या-आठ के न्यायाधीश रमेश चंद्र द्वितीय की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी क्राइम अजय शर्मा ने पैरवी की। न्यायालय ने रामनरेश, रिंकू और ज्ञानेश को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषियों पर 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है, जिसे अदा न करने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। एडीजीसी अजय शर्मा ने बताया कि साक्ष्य के अभाव में चार अन्य आरोपितों को बरी कर दिया गया, जबकि दो आरोपितों की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी।

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