सोनभद्र में दो दिन से स्कूल में नहीं पहुंचे शिक्षक:ताला बंद होने से लौटे बच्चे, ग्रामीणों में आक्रोश

सोनभद्र के सरकारी स्कूल झरना में शिक्षकों की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश है। मंगलवार को जहां कोई भी शिक्षक स्कूल नहीं आया। वहीं बुधवार को केवल एक शिक्षक अमरनाथ सुबह 9:30 बजे पहुंचे। जबकि स्कूल का समय सुबह 8 बजे से है। बच्चे यूनिफॉर्म पहनकर पढ़ाई के लिए आए। लेकिन स्कूल में ताला लगा देखकर निराश होकर लौटना पड़ा। दो दिन से बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप है। ग्रामीणों ने जताया आक्रोश ग्रामीणों ने कहा कि सरकार शिक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन शिक्षक नियमित नहीं आते। इससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। ग्रामीणों ने मांग की कि लापरवाह शिक्षकों को तुरंत बर्खास्त किया जाए। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार गुप्ता ने आरोप लगाया कि शिक्षकों और एबीएसए के बीच मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। विद्यालय की स्थिति जर्जर स्कूल की हालत भी बदतर है- न रंगाई-पुताई हुई है और न ही साफ-सफाई। बच्चों को मिलने वाला मिड-डे मील भी प्रभावित हो रहा है। स्कूल की कर्मचारी निर्मला ने बताया कि मंगलवार को शिक्षकों की अनुपस्थिति में तैयार खाना बर्बाद हो गया और बच्चों को दोपहर 12 बजे ही घर भेजना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षक स्कूल नहीं आते, लेकिन रजिस्टर में उनकी हाजिरी दर्ज हो जाती है। निर्मला ने यह भी खुलासा किया कि मिड-डे मील के लिए एक हफ्ते के राशन से दो हफ्ते का खाना बनाने का दबाव बनाया जाता है। दूध और बर्तनों की भी भारी कमी है। प्रशासन ने कही कार्रवाई की बात एबीएसए धनंजय सिंह ने कहा कि स्कूल में शिक्षक के नहीं पहुंचने के मामले की जांच कराया जाएगा। जो भी दोषी पाया जाएगा कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों ने दी चेतावनी ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ तो वे एबीएसए, बीएसए से लेकर लखनऊ तक शिकायत करेंगे। उनका कहना है कि या तो विद्यालय सुचारु रूप से चले या फिर इसे बंद कर दिया जाए।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर