सोनभद्र को हेरिटेज-पार्क घोषित करने की उठी मांग:BHU में वैज्ञानिकों ने रखा प्रस्ताव,नौवां चोकोलिंगो व्याख्यान का हुआ आयोजन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला इतिहास एवं पर्यटन प्रबंधन विभाग द्वारा नौवां डॉ. एफ.सी. चोकोलिंगो एवं डॉ. ई.आर. चोकोलिंगो स्मृति व्याख्यान समारोह भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस अवसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पूर्व महानिदेशक डॉ. राकेश तिवारी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने “विरासत और पर्यटन का संगम (Heritage Tourism: Hand in Hand, Rediscovering Hidden Gems of Sonbhadra)” विषय पर अपना विद्वतापूर्ण व्याख्यान दिया। सोनभद्र को हेरिटेज पार्क बनाने की उठी मांग कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रो. ज्योति के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने मुख्य अतिथि और सभी आगंतुकों का हार्दिक अभिनंदन किया। डॉ. तिवारी ने अपने व्याख्यान में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासतों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें एक समन्वित ‘हेरिटेज पार्क’ के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से अहरौरा स्थित सम्राट अशोक के शिलालेख, लिखनिया जलप्रपात और उसके समीप के प्रागैतिहासिक शैल चित्रों, भालदरिया और बरैला के प्राचीन शिव मंदिरों, मंदिरा मंदिर तथा माहुअरिया वन्यजीव अभयारण्य जैसे स्थलों का उल्लेख किया। सालखन फॉसिल पार्क को वर्ष 2025 में यूनेस्को की टेंटेटिव विश्व धरोहर सूची में किया शामिल डॉ. तिवारी ने यह भी बताया कि किस प्रकार सोनभद्र में प्रागैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक युग तक की मानव गतिविधियों के अवशेष मिलते हैं। उन्होंने इसे ‘जीवित विरासत’ की संज्ञा देते हुए कहा कि यदि इन स्थलों को संरक्षित कर जागरूक पर्यटन से जोड़ा जाए तो यह क्षेत्र न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बनेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी। सोनभद्र स्थित सालखन फॉसिल पार्क को वर्ष 2025 में यूनेस्को की टेंटेटिव विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है, जिसमें बीएचयू के विशेषज्ञ भी सम्मिलित हैं। यह क्षेत्र जैव-विविधता, पुरातात्विक धरोहर और पारंपरिक जीवनशैली का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत कला भवन, बीएचयू के निदेशक प्रो. श्रीरूप रॉयचौधुरी ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने डॉ. तिवारी के विचारों की सराहना करते हुए कहा कि विरासत स्थलों का संरक्षण केवल शैक्षणिक या सांस्कृतिक दायित्व नहीं, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य उपहार है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्याख्यान छात्रों और शोधार्थियों को जमीनी स्तर पर काम करने की प्रेरणा देते हैं। सोनभद्र में है दुनिया का सबसे पुराना फासिल्स पार्क प्रोफेसर प्रवीण राणा ने कहा – धरती पर ऐसे कई रहस्य छुपे है जिसपर दुनियाभर के वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही रहस्य छुपा है उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिला स्थित सलखन में जहां एक नहीं 150 करोड़ वर्ष पुराने जिवाश्म(फासिल्स) हैं। ये पार्क दुनिया का सबसे बड़ा फासिल्स पार्क है। 25 हेक्टेयर में फैला ये फासिल्स पार्क दुनिया में अमेरिका के यलो स्टोन पार्क से भी बड़ा है। यहां के फासिल्स का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि ये जीवन की शुरुआत की कहानी बयां करते हैं।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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