सेवानिवृत्ति होने से पहले धाता के उपनिरीक्षक की संदिग्ध मौत:चित्रकूट में रेलवे ट्रैक किनारे मिला शव, पुलिस कर रही जांच
फतेहपुर जिले के लिहई गांव निवासी 62 वर्षीय पूर्व पुलिस उपनिरीक्षक रामगोपाल सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव बुधवार को चित्रकूट जिले के मानिकपुर थाना क्षेत्र में रेलवे ट्रैक किनारे मिला। रामगोपाल सिंह मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात थे और 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होने वाले थे। जानकारी के अनुसार, रामगोपाल सिंह 11 अक्टूबर को छुट्टी बिताकर अपने गांव से जबलपुर लौटने के लिए निकले थे। कर्वी पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे पुष्पेंद्र सिंह से फोन पर बात की थी, जिसके बाद उनका मोबाइल बंद हो गया और वे लापता हो गए। परिजनों ने फतेहपुर जिले के धाता थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बुधवार को चित्रकूट जिले के मानिकपुर थाना क्षेत्र के जंगल में रेलवे ट्रैक के पास एक शव मिलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। जेब में मिले परिचय पत्र और आधार कार्ड के आधार पर परिजनों ने शव की शिनाख्त लिहई गांव निवासी रामगोपाल सिंह के रूप में की। पुलिस का अनुमान है कि वे ट्रेन से गिरकर हादसे का शिकार हुए होंगे। घना जंगल होने के कारण शव देर से मिल सका। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रामगोपाल सिंह के एक पुत्र पंचायत सचिव हैं, जबकि दूसरे मंझनपुर में मोटरसाइकिल एजेंसी के मालिक हैं। उनकी पुत्री एक किसान नेता की बहू हैं।
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