सुल्तानपुर में जश्न-ए गौसुल वरा पर सजी महफिल:मुरली नगर-भट्टी जरौली में अंजुमनो ने की नात खानी, उलेमा ने किया तक़रीर

सुल्तानपुर में शनिवार रात मुरली नगर और भट्टी जरौली में जश्न-ए गौसुल वरा की महफिल सजाई गई। यह महफिल शेख अब्दुल कादिर जिलानी की याद में आयोजित की गई, जिसमें अंजुमनो ने रात भर नात खानी की। इस दौरान कई उलेमाओं ने तकरीरें देकर लोगों को जीवन जीने के सिद्धांतों के बारे में बताया। मौलाना रमज़ान अहमद कादिरी ने बताया कि शेख अब्दुल कादिर जिलानी को याद करते हुए दुनिया भर के मुसलमान इस दिन अकीदत पेश करते हैं। उनके मिशन और शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ऐसी महफिलें आयोजित की जाती हैं, ताकि उनकी तालीमात को लोगों में आम किया जा सके। डीजे और आतिशबाजी के उपयोग पर उन्होंने कहा कि हर चीज को शरीयत और सुन्नत के तराजू पर तौला जाता है। यदि कोई कार्य शरीयत के अनुरूप है, तो वह सही है, अन्यथा उसे गलत माना जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे धार्मिक आयोजनों में आतिशबाजी का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।मौलाना कादिरी ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम में वे सभी लोग शामिल हुए हैं जिनके मन में मोहब्बत और भाईचारा है। उन्होंने यहां से पूरी दुनिया और देश को अमन और शांति का पैगाम दिया। उन्होंने प्रशासन द्वारा दिए गए पूर्ण सहयोग की भी सराहना की। इसी क्रम में मुफ्ती मोहिबुद्दीन अमजदी ने मीडिया को बताया कि गौस-ए पाक हर महीने की 11 तारीख को पैगंबर मोहम्मद के नाम से फातेहा करते थे और गरीबों को भोजन कराते थे। भट्टी जरौली में पिछले 63 सालों से जश्न-ए गौसुल वरा मनाया जा रहा है। उन्होंने संदेश दिया कि गरीबों को खाना खिलाया जाए और यतीमों की शिक्षा के क्षेत्र में मदद की जाए।

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